Alzheimer Symptoms: ब्रेन बॉडी को नियंत्रित करने का काम करता है. भोजन से मिलने वाले पोषक तत्वों से इसकी सक्रियता बढ़ती है. लेकिन एक उम्र के बाद ब्रेन के न्यूरांस में बदलाव देखने को मिलते हैं. ब्रेन की इन एक्टिविटी की वजह से कई बीमारियां जन्म ले लेती हैं.
अल्जाइमर भी ऐसा रोग माना जाता है. आमतौर पर यह रोेग बुजुर्गाें में देखने को मिलता है. ब्रेन की सही एक्टिविटी होने के कारण यूथ आमतौर पर इस बीमारी की चपेट में कम आता है. लेकिन जवान इस बीमारी की चपेट में आ जााए तो स्थिति बेहद गंभीर है. भारत के पड़ोसी देश में ऐसा ही एक मामला देखने को मिला है.
चीन में 17 साल के लड़के को हुआ अल्जमाइर
हाल में जर्नल ऑफ अल्जाइमर डिसीज में एक स्टडी पब्लिश की गई. रिपोर्ट के अनुसार, चीन के व्यक्ति की उम्र अभी 19 साल है. उसे 17 साल की उम्र से ही भूलने संबंधी समस्या पैदा हो गई. इसको लेकर युवा के तमाम टेस्ट किए गए. बाद में बीजिंग में कैपिटल मेडिकल यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने युवक को अल्जाइमर बीमारी से ग्रसित बताया.
सबसे कम उम्र में बीमारी होने का रिकॉर्ड
शोधकर्ताओं ने बताया है कि युवक के सभी परीक्षण के बाद ही अल्जाइमर बीमारी होने की बात कही गई है. विशेषज्ञों का कहना है कि यदि जांच सही की गई है और लड़के को वाकई में अल्जामइर बीमारी है तो यह सबसे कम उम्र में अल्जाइमर बीमारी होने का रिकॉर्ड दर्ज होगा.
जो पढ़ता, भूल जाता, बीच में छोड़ दी पढ़ाई
17 साल के लड़के के सामने स्कूल में दिक्कतें आने लगी थी. स्कूल में वह पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पा रहा था. एक साल बाद स्थिति और गंभीर हो गई. उसे यह भी याद करने में दिक्कत आने लगी कि उसने क्या खाया है और दिन में क्या काम किया? होमवर्क करना भी भूल जाता था. मेंटली स्थिति अधिक बिगड़ने पर बीच में स्कूल छोड़ना पड़ा. इलाज के लिए डॉक्टरों के पास पहुंचा तो कमेटी बनाकर उसकी जांच की गई. स्कैन में सामने आया कि उसका हिप्पोकैम्पस, मैमोरी में शामिल ब्रेन का एक हिस्सा सिकुड़ गया था. यह डिमेंशिया होने का प्रारंभिक संकेत होता है.
जेनेटिक हो सकती है बीमारी
विशेषज्ञों का कहना है कि 30 साल से कम उम्र के लोगों में अल्जाइमर डिसीज जेनेटिकली अधिक होती है. पहले आए 21 साल के अल्जाइमर पेशेंट में भी यह बीमारी जेटैकि ही थी. युवाओं में अल्जाइमर रोग से तीन जीन जुड़े हुए हैं. इनमें एमिलॉयड प्रीकरसर प्रोटीन (एपीपी), प्रीसेनिलिन 1 (पीएसईएन1) और प्रेसेनिलिन 2 (पीएसईएन2) शामिल हैं. ये जीन बीटा-एमिलॉइड पेप्टाइड नामक एक प्रोटीन अंश के उत्पादन में शामिल हैं. यदि इन जीन में किसी तरह का दोष होता है तो इससे अल्जमाइर रोग पैदा हो सकता है.
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