हार्ट इंसानी शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है. इंसान के सीने में बाईं ओर हार्ट एक मिनट में 60-90 बार धड़कता है. धड़कनों में अचानक बदलाव आने से हार्ट अटैक होता है. आंकड़ों के मुताबिक, भारत में चार मौत में से एक के पीछे कार्डियोवैस्कुलर रोग कारण है और हार्ट स्ट्रोक इन मामलों का 80 फीसद जिम्मेदार है. भारतीयों को अब पहले की तुलना में करीब 8-10 साल पहले हार्ट अटैक से गुजरना पड़ता है और हैरान करनेवाली बात ये है कि उनमें से 40 फीसद की उम्र 55 साल के नीचे होती है. हाल ही में बिग बॉस 13 के विजेता सिद्धार्थ शुक्ला समेत कई मशहूर लोगों की मौत से समझा जा सकता है. फिट और हेल्दी रहने के बावजूद मात्र 40 साल की उम्र में अप्रत्याशित हार्ट अटैक के कारण सिद्धार्थ की जिंदगी खत्म हो गई.


हार्ट अटैक और कोविड-19 के बीच बीमारियों से कैसे बचें?


मेडिकल विशेषज्ञों ने खुलासा किया है कि हार्ट अटैक आने की संभावना स्मोकिंग, हाई ब्लड प्रेशर, परिवार में बीमारी का इतिहास, बैड कोलेस्ट्रोल लेवल और व्यायाम की कमी समेत कई फैक्टर के कारण बढ़ सकती है. इस बीच, कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जंग जारी है, और वायरस के नए वेरिएन्ट्स में बढ़ोतरी से लगता है कि समस्याएं जल्दी खत्म होनेवाली नहीं हैं. आप कुछ उपाय अपनाकर होनेवाली असमय मौत को रोक सकते हैं. हार्ट अटैक के कारण वक्त से पहले बढ़ती मौत के बीच आयुर्वेदिक विशेषज्ञों ने बीमारियों को दूर करने की टिप्स बताई है.


सूरज निकलने से 2 घंटे पहले जागना- आयुर्वेदिक विशेषज्ञों का मानना है कि सूरज निकलने से दो घंटा पहले जागना अपनाने के लिए सबसे अच्छी आदतों में से एक है. रिसर्च बताती है कि जल्दी उठनेवाले हाइड्रेटेड रहने में बेहतर होते हैं. डॉक्टर मिथाली मधुसमिता का कहना है, "क्योंकि सुबह उठने से दिमाग इतना सचेत रहता है कि आप जो कुछ भी करते हैं, उसके फायदे लेने में सक्षम हो जाते हैं."


दो ग्लास गर्म पानी का पीना- विशेषज्ञों ने सुबह में जागने के बाद दो ग्लास गर्म पानी पीने की सिफारिश की है. ये जहरीले पदार्थों को शरीर में जमा नहीं होने देता है और ब्लड सर्कुलेशन को ठीक करता है. 
योग और मेडिटेशन करना- योग और मेडिटेशन रोजाना करने का बहुत ज्यादा सुझाव दिया जाता है ताकि मूड को ठीक करनेवाले और तनाव को कम करनेवाले हार्मोन्स एंडोर्फिन और सेरोटोनिन की सही मात्रा हासिल हो सके. इन आदतों को जरूर अपनाया जाना चाहिए क्योंकि क्रोनिक तनाव और डिप्रेशन दिल की बीमारियों के लिए एक प्रमुख ट्रिगर के तौर पर उभरे हैं, खासकर पिछले दो वर्षों के दौरान. 


खाना खाने का सही समय- आयुर्वेद के मुताबिक, आप ब्रेकफास्ट सुबह 7 बजे और अपना लंच 12-12.30 बजे तक कर लें. दो भोजन के बीच 4-5 घंटों का अंतराल रखें, जो पाचन के लिए सही पर्याप्त समय है. लोगों को बहुत ज्यादा पानी पीना चाहिए और भोजन के बीच में फल और नट्स का सेवन कर सकते हैं. आपको अपना डिनर बिस्तर पर जाने के कम से कम दो घंटा पहले पूरा कर लेना चाहिए ताकि सुकून की नींद आ सके. दो घंटा पाचन के लिए सिस्टम को पर्याप्त समय देता है. 


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