गुस्सा एक भावना है और ये अक्सर उस वक्त जाहिर होती जब आप तनावग्रस्त, उत्तेजित और होते हैं. हम में से ज्यादातर लोगों को गुस्सा आता है जब कुछ गलत हो जाए या हमारी इच्छा के मुताबिक न हो. गुस्से को हमेशा नकारात्मक भावना के तौर पर समझा जाता है, हालांकि ऐसा नहीं है. खास परिस्थितियों में गुस्सा आना सामान्य है और दबाने से बेहतर है कि गुस्से को बाहर निकालने में ही भलाई है. 


गुस्सा खुद को व्यक्त करने, समस्याओं के बारे में बात करने और अपने व्यवहार को पहचानने में आपकी मदद करता है. ये आपको अपनी भावनाओं से खुद अवगत कराता है और समस्याओं से निपटने को सीखाता है. हालांकि, गुस्सा उस वक्त अच्छा नहीं होता जब ये आक्रामकता या झगड़े में बदल जाए. गुस्से में अक्सर लोग रिश्तों को बर्बाद कर देते हैं. आप इस तरह अपने गुस्से को काबू में रख सकते हैं और पहचान सकते हैं कि ये कब अस्वीकार्य है. 


कुछ कहने से पहले सोचें- जब हम गुस्से में होते हैं, तो नतीजों की परवाह नहीं करते. ये याद रखना महत्वपूर्ण है कि शब्दो अक्सर किसी को दुखी कर सकते हैं और उनको नुकसान पहुंचा सकते हैं. गुस्से में कही गई बातें अक्सर गहरे पछतावे का कारण बनती हैं. इसलिए, बेहतर है कि शांत रहें और कुछ भी कहने से पहले दो बार सोचें. हमेशा पहले शांत रहें, ठंडे दिमाग से सोचें और फिर कहें.  


व्यायाम- जब आप व्यायाम करते हैं, तो आप हैप्पी हार्मोन्स और अपने शरीर में एंडोर्फिन्स छोड़ते हैं. ये आपको सक्रिय, सकारात्मक और खुश रखने में मदद करते हैं. ये तनाव को भी कम करने में समर्थन करते हैं और समस्याओं और खराब स्थितियों के प्रति आपको लचीला बनाता है. 


मेडिटेशन- मेडिटेशन अपने गुस्से को काबू रखने और तनाव निकालने का एक सबसे अच्छा उपाय है. ये नकारात्मक विचारों को दूर कर आपको शांत रखने में मदद करता है. 


गहरी सांस लें- जब कभी आपको गुस्सा आए, तो गहरी सांस लेने का अभ्यास करें और सांस लेने का अक्सर व्यायाम करें. ये आपको जमीनी और शांत रखने में मदद करता है. शांति बनाए रखें और मौखिक लड़ाई में पड़ने से बचें. 


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