प्रेग्नेंसी में एंटीबायोटिक्स लेने से पहले पढ़ लें ये खबर!
प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में एंटीबायोटिक्स खाने से होने वाले बच्चे को इंटेस्टाइन स्वैलिंग की प्रॉब्लम हो सकती है.
नई दिल्लीः प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी दवा को खाने से पहले उसके साइड इफेक्ट्स को जानना जरूरी है. हाल ही में एक रिसर्च आई है जिसके मुताबिक, प्रेग्नेंसी के आखिरी महीनों में एंटीबायोटिक्स खाने से होने वाले बच्चे को इंटेस्टाइन स्वैलिंग की प्रॉब्लम हो सकती है. क्या कहती है रिसर्च- रिसर्च के मुताबिक, यदि प्रेग्नेंसी के अंतिम चरण में एंटीबायोटिक दवा खाई जाती हैं तो बच्चे की आंतों में सूजन संबंधी रोग होने का रिस्क बढ़ जाता है. कैसे की गई रिसर्च- ये रिसर्च चूहों पर की गई जिसमें प्रेग्नेंट मादा चूहों को एंटीबायोटिक दवा दी गई. रिसर्च में देखा गया कि जिन मादा चूहों को ये दवा दी गई थी उनके बच्चों के पेट में सूजन होने की आशंका अधिक थी. ये रोग इंसानों की आंत की सूजन से मिलती-जुलती थी. दरअसल, एंटीबायोटिक दवाएं गर्भवती मां के इंटेस्टाइन के माइक्रोबायोम में लंबे समय तक परिवर्तनों का कारण भी बन सकती है और ये दुष्प्रभाव मां से होने वाले बच्चे में भी पहुंच जाता है. रिसर्च के दौरान बच्चे में इस रोग को विकसित होते हुए देखा गया. क्या कहते हैं एक्सपर्ट- यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के प्रोफेसर यूजीन बी. चैंग के मुताबिक, अगर एंटीबायोटिक्स का सेवन प्रेग्नेंसी या बच्चे की प्रारंभिक अवधि के दौरान किया जाता है, तो वह सामान्य इंटेस्टाइन के माइक्रबायोम के विकास को प्रभावित कर सकता है, लेकिन सामान्यता यह बेहतर इम्यून डवलपमेंट के लिए जरूरी होता है. रिसर्च के नतीजे- रिसर्च के निष्कर्ष के तौर पर ये बात सामने आई कि एंटीबायोटिक का सेवन किस समय किया जा रहा है ये बात ज्यादा महत्वू्पर्ण है, खासतौर बच्चे के जन्म के शुरुआती विकास के दौरान जब इम्यून सिस्टम परिपक्वता हो रहा होता है. ये रिसर्च 'सेल' मैग्जीन में पब्लिश हुई थी. नोट: ये रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.
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