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Antibody Tests के बाद भी कोविड-19 के खिलाफ शरीर में बनी एंटीबॉडी पर संशय
अमेरिका में लोग वैक्सीन की सटीकता जांचने के लिए एंटीबॉडी टेस्ट करा रहे हैं लेकिन अमेरिकी नियाम एजेंसियों ने इसे लेकर चेतावनी जारी की है. नियामक का कहना है कि इस टेस्ट की सत्यता के कोई प्रमाण नहीं है. वैसे भी वैक्सीन लेने के बाद एंटीबॉडी टेस्ट की कोई जरूरत नहीं है.
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कोरोना के कहर से पूरी दुनिया हलकान है. ऐसे में कोरोना प्रोटोकॉल और वैक्सीन ही इससे बचाव का अब तक का सबसे कारगर तरीका है. इसलिए पूरी दुनिया में कोरोना को मात देने के लिए वैक्सीन अभियान को तेज किया जा रहा है. अमेरिका में वैक्सीन की रफ्तार बहुत तेज है. वहां के 50 प्रतिशत से ज्यादा लोगों ने अब तक वैक्सीन की कम से कम एक डोज ले ली है. वैक्सीन की कितनी प्रभावशीलता है या इसका कितना असर है, इसकी जांच के लिए एंटीबॉडी टेस्ट किया जाता है. पर इस टेस्ट रिपोर्ट के नतीजे चौंकाने वाले आ रहे हैं. न्यूयॉर्क के मार्क फील्ड ने जब रूटीन चैकअप में अपना एंटीबॉडी टेस्ट कराया तो रिपोर्ट का रिजल्ट आने के बाद उसे बेहद हैरानी हुई. फील्ड के डॉक्टर का कहना था कि टेस्ट रिपोर्ट के नतीजों के मुताबिक फील्ड के शरीर में वैक्सीन के प्रति इम्यून की प्रतिक्रिया बहुत कम थी.
टेस्ट रिपोर्ट गलत होने का संदेह
फील्ड फाइजर कंपनी की दोनों डोज वैक्सीन ले चुके थे. रिजल्ट से उन्हें निराशा हुई. अब वह समझ नहीं पा रहे हैं कि उन्हें फिर से वैक्सीन लगवानी चाहिए या नहीं. क्या उन्हें महामारी के दौरान दो-दो मास्क लगाना चाहिए. या क्या एंटीबॉडी टेस्ट ही गलत था. अमेरिका में इन सभी बातों को लेकर एकराय नहीं है. हालांकि अमेरिकी नियामक एजेंसियां लोगों को चेतावनी दे रहे हैं कि वैक्सीन के असर के परीक्षण के लिए एंटीबॉडी टेस्ट न कराएं लेकिन कई कंपनियों इस बात का प्रचार कर रही है कि टेस्ट कराने से वैक्सीन के असर का सटीक पता लग सकता है. जबकि नियामक एजेंसियों का कहना है कि इस टेस्ट का कोई मायने नहीं है क्योंकि सौ फीसदी सटीकता का दावा कोई वैक्सीन नहीं कर रही. इसलिए हो सकता है कि टेस्ट रिपोर्ट ही गलत हो. या जिसने यह टेस्ट कराया है उसमें वास्तव में एंटीबॉडी न बनी हो.
एंटीबॉडी टेस्ट न कराने की चेतावनी
विशेषज्ञों का कहना है कि फील्ड को घबराने की जरूरत नहीं है. क्योंकि नियामक की ओर से सत्यापित वैक्सीन पूरी तरह से प्रभावकारी है. हालांकि दुनिया की सबसे बेस्ट वैक्सीन भी 100 प्रतिशत कारगर नहीं है. इसी बात का फायदा उठाकर टेस्ट करने वाली कंपनियां अपना बाजार चमका रही है. जो लोग वैक्सीन की सटीकता का पता लगाना चाहते हैं, उनके लिए ये कंपनियां एंटीबॉडी टेस्ट का प्रलोभन दे रही है. हालांकि एंटीबॉडी टेस्ट को दुनिया में शुरुआती दिनों के अलावा कहीं भी ज्यादा तरजीह नहीं दिया गया. इसलिए अमेरिकी नियामक एजेंसियां वैक्सीन की सटीकता के लिए एंटीबॉडी टेस्ट न कराने की चेतावनी दे रही है.
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