Apricot Health Benefits: गर्मियों के साथ-साथ टेस्टी लगने वाली खुबानी का मौसम भी आ रहा है. खुबानी एक रसदार सुनहरा-पीला फल है, जो कई जरूरी पोषक तत्वों से भरपूर होता है. ये विटामिन A, बीटा-कैरोटीन और बाकी कैरोटीनॉयड से भरपूर होता है. खुबानी आंखों के लिए काफी फायदेमंद फल है. ये मॉक्यूलर डिजनरेशन और मोतियाबिंद जैसी आंखों की समस्याओं के खतरे को कम कर सकता है. प्राचीनकाल में रोमनों द्वारा खोजे गए इस फल में अलग-अलग फाइटोकेमिकल्स जैसे एस्पॉलीफेनोल्स होते हैं, जो फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक एसिड और कैरोटीनॉयड्स होते हैं. ये इसके कलर, टेस्ट और न्यूट्रिशनल वैल्यू को बढ़ाते हैं. 


खुबानी को ताजा भी खाया जा सकता है और सूखे मेवे के रूप में भी खाया जा सकता है. ड्राई खुबानी विटामिन और आयरन से भरपूर होती है. हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, ड्राई खुबानी में पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है. ये कोलेस्ट्रॉल को कम करने और डाइजेशन में सुधार करने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं. बाकी फलों की तरह खुबानी के सेवन के भी कई फायदे हैं. हालांकि इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने से कई परेशानियां भी गले पड़ सकती हैं. आइए जानते हैं कि वो कौन-कौन सी परेशानियां हैं.  


ज्यादा खुबानी खाने के नुकसान


1. डाइजेशन से जुड़ी समस्याएं: खुबानी फाइबर से भरपूर होती है. फाइबर स्वास्थ्य के लिए एक जरूरी मिनरल है. ये मल त्याग को विनियमित करने में सहायता करता है और डाइजेशन को अच्छा रखने का भी काम करता है. हालांकि बहुत ज्यादा फाइबर लेने से कई नुकसान भी झेलने पड़ सकते हैं. ज्यादा खुबानी खाने से आपके पेट में जलन पैदा हो सकती है और सूजन, ऐंठन, कब्ज, पेट में दर्द, और दस्त जैसी समस्याएं उभर सकती हैं.


2. वजन बढ़ना: खुबानी कई पोषक तत्वों से भरपूर होता है. लेकिन इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने से आपका वजन तेजी से बढ़ा सकता है.


3. सिरदर्द: खुबानी की गुठली एमिग्डालिन नाम के एक कंपाउंड से भरपूर होती है, जो खाने के बाद साइनाइड में कन्वर्ट हो जाती है. साइनाइड पॉइजनिंग की वजह से सिरदर्द, मतली, सुस्ती, प्यास, बुखार, घबराहट, मांसपेशियों में दर्द, जोड़ों में दर्द और ब्लड प्रेशर कम हो सकता है.


4. ड्राई खुबानी खाने से हो सकती है एलर्जी: जिन लोगों को एलर्जी की समस्या होती है, उन्हें ड्राई खुबानी खाते वक्त सावधानी से बरतनी चाहिए. खुबानी में सल्फाइट्स हो सकते हैं, जो अस्थमा की परेशानी को बढ़ा सकते हैं और तो और दमा के दौरे को भी प्रेरित कर सकते हैं.


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