Breast Cancer Surgery: पूरी दुनिया में ब्रेस्ट कैंसर से मरने वालों की संख्या सबसे ज्यादा है. लेकिन अगर इसका पता सही समय पर चल जाए तो आपकी जान भी बचाई जा सकती है. ब्रेस्ट कैंसर, कैंसर का ही एक प्रकार है. जो आदमी हो या औरत उनके ब्रेस्ट में होता है. एक रिसर्च में यह बात सामने आई है कि खासकर अमेरिकी महिलाओं में स्किन कैंसर के बाद ब्रेस्ट कैंसर ही है जिसके सबसे ज्यादा केस आते हैं. कैंसर में सेल्स अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगते हैं तो वह ट्यूमर का रूप ले लेती है. ठीक उसी तरह ब्रेस्ट सेल म्यूटेट होकर अनियंत्रित तरीके से बढ़ने लगे तो वह एक टाइम के बाद ट्यूमर का रूप ले लेती है. दूसरे कैंसर की तरह ब्रेस्ट भी शरीर के दूसरे अंगों में फैल सकता है. जब ऐसा होता है तो इसे मेटास्टैसिस कहते हैं.


ब्रेस्ट कैंसर के प्रमुख लक्षण


ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है. जिसका समय लगते पता चल जाए तो इलाज संभव है. साथ ही मरीज को इस बीमारी से छुटकारा दिलाया जा सकता है. 


प्रमुख लक्षणों में से के है ब्रेस्ट में गाठ पड़ना और आसपास के उत्तकों से अलग महसूस होना.


ब्रेस्ट के आकार और बनावट में फर्क दिखना.


ब्रेस्ट के स्किन में चेंजेज दिखना


ब्रेस्ट के निप्पल अंदर की तरफ जाना और ब्रेस्ट में गड्ढा की तरह दिखना


ब्रेस्ट या निप्पल के आसपास के स्किन से पपड़ी निकलना


निप्पल में से पानी या ब्लड निकलना 


ब्रेस्ट कैंसर होने पर ब्रेस्ट की स्किन संतरे की छिलके की तरह दिखती है. 


ब्रेस्ट कैंसर का पता चलते ही पहले इसके स्टेज का पता लगाया जाता है कि यह अभी कितने स्टेज का है. अगर शुरुआत में ही बीमारी का पता चल गया है तो इसका इलाज संभव है. लेकिन अगर ब्रेस्ट कैंसर का पता शुरुआत में न चलकर एकदम लास्ट में पता चला है तो इसे भी सर्जरी के बाद ही ठीक किया जा सकता है. ब्रेस्ट कैंसर में महिलाओं को सर्जरी करवानी ही पड़ती है और इसके बाद भी कई दिनों तक इलाज चलता रहता है. जिसमें कीमोथेरैपी, हार्मोन थेरैपी और रेडिएशन शामिल है. सर्जरी से पहले भी कीमोथेरैपी की जा सकती है. 


इतने प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर सर्जरी होते हैं:


ब्रेस्ट कैंसर से सिर्फ ट्यूमर हटाना (lumpectomy)


कैंसर वाले पूरे ब्रेस्ट को हटाना  (mastectomy)


ब्रेस्ट कैंसर का पता चले ही सिर्फ लिम्फ नोड्स को हटाना (sentinel node biopsy)


कई सारे लिम्फ नोड्स को एक साथ हटाना (axillary lymph node dissection)


दोनों ब्रेस्ट को हटाना  (Removing both breasts)


सर्जरी से पहले डॉक्टर पूछ सकते हैं ये सारे सवाल


ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी से पहले ये जरूर टेस्ट करवाएं जाते हैं. जैसे- ब्लड टेस्ट, यूरिन टेस्ट , एक्स रे और सिटी स्कैन


यदि आपकी पहले भी सर्जरी हो सकती है तो डॉक्टर आपसे इससे जुड़ी सवाल भी पूछ सकती है. 


डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, थायराइड है तो इससे जुड़े सवाल भी पूछे जा सकते हैं. 


ब्रेस्ट कैंसर की सर्जरी कितनी तरह की होती है?


ब्रेस्ट कैंसर  की सर्जरी इस बात पर निर्भर करती है कि कैंसर कितने दूर में फैला हुआ है. सर्जरी करने से पहले कैंसर को सिकोड़ने के लिए दूसरे ट्रीटमेंट किए जाते हैं. 


पहला है रेडियोथेरेपी
इसके जरिए कैंसर के सेल्स को नष्ट किया जाता है और ताकि इसे फैलने से रोका जा सके. जिससे कैंसर का आकार घटे. यह सर्जरी के बाद की जाती है. 


कीमोथेरेपी
कीमोथेरेपी में कैंसर की कोशिकाओं को नष्ट करने के लिए दवा और इंजेक्शन का इस्तेमाल किया जाता है. सर्जरी से पहले कीमोथेरेपी देने का एकमात्र उद्देश्य यह होता है कि कैंसर के ट्यूमर के साइज को छोटा करना. ताकि वह ज्यादा दूर तक फैला हुआ न हो. 


ब्रेस्ट कोन्सर्विंग सर्जरी
इस तरह के सर्जरी में ब्रेस्ट के सिर्फ ट्यूमर और आसपास के कैंसर के सेल्स और टिश्यूज को हटाया जाता है. इस सर्जरी में निश्चित किया जाता है कि कोई भी कैंसर का सेल्स ब्रेस्ट में न बचें. ब्रेस्ट कोन्सवर्सिंग सर्जरी के बाद बची हुए कैंसर सेल्स को रेडियोथेरेपी के जरिए हटाया जाता है. 


इसके फायदे
इसमें पूरा ब्रेस्ट नहीं निकाला जाता है. सिर्फ जिस भाग में कैंसर है या ट्यूमर को निकाला जाता है. इस सर्जरी को ठीक होने में अधिक समय नहीं लगता है. 


मास्टेक्टॉमी
इस सर्जरी में ऑपरेशन करके ब्रेस्ट को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है. यह ऑपरेशन काफी टफ होता है जिसमें डॉक्टर आपके ब्रेस्ट के आसपास के कई ग्लैंड को निकाल सकती है. डॉक्टर इसमें चेक करती है कि कैंसर के सारे सेल्स निकल गए हैं. नहीं तो बाद में यह शरीर के दूसरे पार्ट में फैल सकती है. 


मॉडिफाइड रेडिकल मास्टेक्टॉमी
इसमें ब्रेस्ट और निप्पल के आसपास के ग्लैंड के साथ-साथ ब्रेस्ट को निकाल दिया जाता है.


रेडिकल मास्टेक्टॉमी
इस ऑपरेशन में ब्रेस्ट की स्किन और इसके मांसपेशियों और आसपास के ग्लैंड को भी निकाल दिया जाता है. 


मास्टेक्टॉमी के फायदे


इस सर्जरी के फायदे यह है कि इसमें 95 प्रतिशत दोबारा कैंसर होने के चांसेस खत्म हो जाते हैं. इस मामले में रेडियोथेरेपी देने के चांसेस कम हो जाते हैं. इस सर्जरी से ठीक होने में मरीज को टाइम लगता है. 


ब्रेस्ट रिकंस्ट्रक्शन


इस सर्जरी में मास्टेक्टॉमी सर्जरी के बाद ब्रेस्ट को फिर से आकार दिया जाता है. ब्रेस्ट को दोबारा ट्रांसप्लांट करने का प्रोसेस कुछ टाइम बाद किया जाता है. इस सर्जरी करने के लिए डॉक्टर आपके शरीर के दूसरे पार्ट के अंगों और टिश्यूज लेंगे. यह आपके पेट, कूल्हे और कमर से मशल्स लेंगे.


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