(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बच्चों में शुगर बढ़ा रहे हैं दूध में मिलाने वाले ये अलग-अलग पाउडर? फिर चाहे कंपनी कोई भी हो...
कैडबरी बॉर्नविटा का इस्तेमाल भारत के हर दूसरे घर में पिया जाता है. इसे ना सिर्फ बच्चे बल्कि बड़े भी पीते हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या कैडबरी बॉर्नविटा आपके सेहत के लिए सही है?
Is Cadbury Bournvita Healthy: बॉर्नविटा तैयारी जीत की... हम में से अमूमन सभी लोग ये टैगलाइंस सुनते हुए बड़े हुए हैं. यानी हिंदुस्तान के ज्यादातर लोग बॉर्नविटा पीते हुए बड़े हुए हैं. कैडबरी बॉर्नविटा का इस्तेमाल भारत के हर दूसरे घर में पिया जाता है. इसे ना सिर्फ बच्चे बल्कि बड़े भी पीते हैं. लेकिन अब कैडबरी बॉर्नविटा को लेकर मन में सवाल उठने लगा है कि क्या कैडबरी बॉर्नविटा आपके सेहत के लिए सही है? इस सवाल की शुरुआत वहां से हुई जब एक इनफ्लुएंसर ने वीडियो क्रिएट करके ये दावा किया कि बॉर्नविटा हेल्दी ड्रिंक नहीं, काफी अनहेल्दी है. वीडियो क्रिएटर के मुताबिक ये प्रोडक्ट भले ही इम्यून सिस्टम और आपकी हड्डियों को मजबूत बनाने का दावा करता है लेकिन इसे पीने से सेहत को कई नुकसान पहुंचता है. वीडियो बनाने वाले शख्स ने यहां तक कि यह भी कह दिया कि बॉर्नविटा की टैगलाइन तैयारी की जीत नहीं... बल्कि तैयारी डायबिटीज की होनी चाहिए.
What is this @DairyMilkIn ?
— Mayur Sejpal 🇮🇳 (@mayursejpal) April 4, 2023
Cadbury helping lobby of pharma companies for more n more diabetic patients !!!
(WA received) pic.twitter.com/q6P4gQ85VV
ये वीडियो इस कदर वायरल हो गया कि सोशल मीडिया पर एक जंग छिड़ गई. इस पर चिंता जताना लाजमी है. क्योंकि आज भी इसका सेवन बड़े जोर शोर से किया जाता है. वहीं वीडियो वायरल होने के बाद बॉर्नविटा ने पोस्ट शेयर करके सफाई दी और वीडियो क्रिएटर को लीगल नोटिस भेज दिया. इसके बाद वीडियो क्रिएटर ने वीडियो डिलीट कर दिया है.
कैडबरी ने सफाई में क्या पेश किया?
कैडबरी ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा बॉर्नविटा में विटामिन डी, आयरन, जिंक, कॉपर और सेलेनियम है, जिससे इम्युनिटी बढ़ती है. सालों से ये बोर्नविटा का फार्मूला है. हमने सालों से पैकेट के पीछे यही कहा. इ्मयून सिस्टम कि हेल्दी फंक्शनिंग के लिए मददगार .बॉर्नविटा ने यह भी कहा कि 200ml ग्राम या ठंडे दूध में बॉर्नविटा मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है. पर सर्विंग 7.5 ग्राम चीनी होती है. यानी डेढ़ चम्मच... बच्चों को इससे ज्यादा ही डेली चीनी रिकमेंड की जाती है.हालांकि अब भी लोगों के मन में इसको लेकर शंका बनी हुई है कि सच में बॉर्नविटा पी कर बच्चे डायबिटीज के शिकार हो सकते हैं.
कैडबरी के दावे सिर्फ भ्रमक: वैज्ञानिक
वहीं अब एक वैज्ञानिक ने इनफ्लुएंसर के दावों का समर्थन किया है. वैज्ञानिक और लिवर स्पेशलिस्ट डॉक्टर एबी फिलिप्स ने बताया कि हड्डियों की ग्रोथ और मांस पेशियों की ग्रोथ. इम्यूनिटी बढ़ाने और दिमाग के विकास को लेकर कैडबरी की ओर से जो दावे किए जा रहे हैं, वह भ्रामक हैं और इनकी पुष्टि के लिए कोई ठोस अध्ययन नहीं है. जैसा कि कैडबरी ने अपनी सफाई में कहा था कि उनके उत्पाद को वैज्ञानिक आधार पर डिजाइन किया गया है.
जब उन्होंने इसके बारे में छानबीन की तो उन्हें चार रिसर्च पेपर मिले. इसमें एक में कहा गया है कि बॉर्नविटा में कैफीन की मात्रा इसके जैसे दूसरे कोको आधारित उत्पादों की तुलना में अधिक है. एक दूसरी स्टडी से पता चला है कि बॉर्नविटा में शुगर वाले सामग्री के कारण इसके पीएच में आंतरिक बदलाव हुआ है. इसी के कारण उत्पाद का रंग भी बदला है. वहीं एक तीसरी स्टडी ने यूनिसेफ कैडबरी की साझेदारी को शुगर वॉशिंग बताया.
[tw]
Instagram influencer, The FoodPharmer deleted his video, calling out the misleading information on Cadbury's Bounrvita product. Essentially, the product claimed improved brain activity, improved muscles, improved immune system and improved bone health.
— TheLiverDoc (@theliverdr) April 17, 2023
All of these require… pic.twitter.com/PkyDRxLlg4
क्या है इसपर एक्सपर्ट की राय?
बेंगलुरु की मणिपाल अस्पताल की डॉ सुरुचि गोयल अग्रवाल बाल चिकित्सा सलाहकार हैं उनके मुताबिक यह एक मिथ है कि बच्चों को कोई भी सप्लीमेंटिंग आहार की जरूरत होती है. सप्लीमेंट आहार सिर्फ टेस्ट को अपील करके फ्लेवर में बदलाव करते हैं. जिसको भी यह टेस्ट पसंद आ जाता है वह दोबारा से नेचुरल स्टेट में जाना पसंद नहीं करता.डॉक्टर के मुताबित अगर आप आपके बच्चे का आहार संतुलित है, तो बच्चे को किसी भी प्रकार के पूरक आहार की आवश्यकता नहीं होगी.
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल की वरिष्ठ सलाहकार एंडॉक्रिनलॉजी डॉक्टर रिचा चतुर्वेदी के मुताबिक बॉर्नविटा जैसे हेल्थी ड्रिंक की एक स्कूप का मतलब है 7 से 8 ग्राम चीनी जो लगभग डेढ़ चम्मच चीनी के बराबर है. ये आज की जनरेशन के लिए काफी ज्यादा है, क्योंकि इन दिनों बच्चों का जीवन कहीं ज्यादा अधिक गतिहिन है. पहले की पीढ़ियों की तुलना में शारीरिक गतिविधि आज के बच्चे बहुत कम करते हैं बच्चे आज के दौर में उच्च कैलरी वाले खाद्य पदार्थ और स्नेक्स खाते हैं.
ऐसे में अगर आप बॉर्नविटा जैसी हेल्थ सप्लीमेंट बच्चे को खिला रहे हैं तो यह सिर्फ ऊपर से एक्स्ट्रा चीनी है. उनके मुताबिक टाइप 1 डायबिटीज एक ऑटोइम्यून डिसऑर्डर है, इसलिए इससे पीड़ित बच्चे शायद ज्यादा प्रभावित न हों. लेकिन चिंता की बात यह है कि अतिरिक्त स्वाद और चीनी की शुरुआती लत के परिणामस्वरूप प्यूबर्टी के आसपास टाइप 2 मधुमेह हो जाता है.
डायबिटीज के पारिवारिक इतिहास वालों को हीं पीना चाहिए हेल्दी ड्रिंक्स
वही आन्य डॉक्टर के मुताबिक आज के दौर में जिस तरह से किशोर मधुमेह के शिकार हो रहे हैं उन्हें देखते हुए माता-पिता बच्चों को कोई भी हल्दी पाउडर नहीं खिलाते क्योंकि मानव शरीर को नेचुरल रूप से पाए जाने वाले फलों से पर्याप्त चीनी मिलती है, जो ब्लड शुगर के स्तर को उतनी तेजी से नहीं बढ़ाते जितना कि एक्स्ट्रा शुगर बढ़ाते हैं. दूध में लेटेंट शुगर होता है और इसमें एडिटिव्स की जरूरत नहीं होती है. यदि आपका बच्चा प्रतिदिन फल खाता है, तो उसे अतिरिक्त चीनी की आवश्यकता नहीं है.
डॉक्टर सभी हेल्दी सप्लीमेंट के लेबल्स को ठीक तरीके से पढ़ने की सलाह देती हैं. वह कहती हैं कि किसी भी पैकेट पर लेबल में कोई चीनी या कोई एडिटिव्स,या कोई एक्स्ट्रा कलर भले ही ना लिखा हो लेकिन आपको पैकेज के कार्बोहाइड्रेट कंटेंट को जरूर देखना चाहिए.डॉक्टर ये भी सजेस्ट करती हैं कि विशेष रूप से उन बच्चों के माता-पिता जिनका पहले से टाइप 2 डायबिटीज का पारिवारिक इतिहास रहा है उन्हें किसी भी तरह के हेल्दी ड्रिंक्स बच्चे को नहीं देने चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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