Arthritis: ये हैं गठिया के शुरुआती लक्षण और इससे बचाव के उपाय, संभव है नॉर्मल लाइफ
Arthritis cause: उठते-बैठते समय दिक्कत हो रही है या कभी-कभी जॉइंट्स में जकड़न फील होती है तो इस समस्या को अनदेखा ना करें और शुरुआत में ही इलाज लें. ताकि आने वाले समय में गठिया से बच सकें.
Tips To Control Arthritis: गठिया यानी आर्थराइटिस शरीर में जॉइंट्स पेन की एक बड़ी वजह होती है. कुछ साल पहले तक या कहिए कि एक दशक पहले तक यह समस्या 55 से 60 साल की उम्र के बाद शुरू होती थी. जबकि आज के समय में 35 से 40 साल के लोगों में आर्थराइटिस के अर्ली सिंप्टम्स (Arthritis Symptoms) नजर आने लगे हैं. ऐसे ज्यादातर मामलों में 45 की उम्र तक गठिया कंफर्म हो जाता है, जो कि किसी भी तरह से स्वीकार्य स्थिति नहीं है और जीवन को बहुत अधिक चैलेंजिंग बना देती है. यहां गठिया के कारण (Cause of Arthritis), लक्षण और इसकी रोकथाम (Arthritis Prevention) के उपाय बताए जा रहे हैं...
क्यों होती है आर्थराइटिस की समस्या?
आर्थराइटिस यानी गठिया एक ऐसी बीमारी है जो आपको गलत लाइफस्टाइल के कारण भी हो सकती है और जेनेटिक कारणों से भी. गठिया के कई प्रकार होते हैं और इनका इलाज भी इनके प्रकार पर ही निर्भर करता है. जैसा रोग, वैसा उपचार. लेकिन सबसे अधिक होने वाले आर्थराइटिस हैं रूमेटाइट आर्थराइटिस और ओस्टियोआर्थराइटिस. आमतौर पर बुढ़ापे में लोग जोड़ों के दर्द का शिकार होते हैं तो इसकी वजह ओस्टियोआर्थराइटिस होती है. क्योंकि इस बीमारी में जोड़ों का घिसाव सिकुड़ जाता है और जोड़ों की हड्डियों को किनारों से कवर करने वाले टिश्यूज डैमेज हो जाते हैं. इस कारण हड्डियों के बीच होने वाले घृषण से दर्द की समस्या होती है.
जबकि रूमेटाइडआर्थराइटिस वो समस्या है, जिसमें अपने ही शरीर के रोग प्रतिरोधक तंत्र Immune System) में कुछ गड़बड़ी होने के कारण शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता जोड़ों के टिश्यूज पर अटैक करने लगती है और रोगी को तेज दर्द का सामना करना पड़ता है. कई केसेज में यूरिक एसिड बढ़ने के कारण भी आर्थराइटिस की समस्या हो जाती है.
आर्थराइटिस के लक्षण
- जोड़ों में तेज दर्द
- जॉइंट्स में तीखी चुभन होना
- उठते-बैठते या चलते समय घुटनों में दर्द
- जोड़ों में सूजन
- जोड़ों में दुखन होना
- जॉइंट्स पर रेडनेस
- मोशन रेंज की स्पीड कम होना यानी पहले एक कदम में आप जितनी दूरी तय कर लेते थे, उतना ना कर पाना.
कैसे करें आर्थराइटिस से बचाव?
- आपको रोज एक्सर्साइज करनी है. एक दिन भी ना छोड़ें.
- ओमेगा-3, कैल्शियम और विटामिन-डी से रिच फूड्स का रोज सेवन करें.
- सप्ताह में दो बार फिश खाएं यदि आप नॉनवेज खाते हैं तो.
- वेजिटेरियन लोग हर दिन नट्स, प्लेन पनीर और एक मौसमी फल जरूर खाएं.
- दर्द, दुखन, सूजन या चलने में समस्या होने पर शुरुआत में ही डॉक्टर से सलाह लें. बीमारी को बढ़ने ना दें.
आर्थराइटिस का उपचार
आर्थराइटिस का उपचार दवाओं, फिजियोथेरपी और सही डायट के साथ ही संभव है. आप किसी अच्छे हड्डी रोग विशेषज्ञ से मिलें और उनकी देखरेख में ही दवाओं का सेवन करें.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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