Arthritis Facts: अर्थराइटिस को लेकर सभी के मन में अलग अलग सवाल उठते हैं. यह एक ऐसी समस्या है, जिसमें शरीर में दर्द और सूजन की समस्या होने लगती है. इस समस्या का सामना वैसे तो बढ़ती उम्र के साथ जब शरीर के बोन्स कमजोर होने लगते हैं तो अर्थराइटिस की समस्या आम होने लगती है. हालांकि अर्थराइटिस की समस्या सिर्फ बढ़ती उम्र वालों को ही नहीं बल्कि 30 से ज्यादा उम्र के लोगों को भी झेलना पड़ सकता है, इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे अर्थराइटिस से जुड़े मिथ्स के बारे में बता रहे हैं, जिनके कारण लोगों के मन में अलग अलग धारणा बनी हुई हैं.



वैसे तो इस बीमारी का इलाज दवाईयों से भी होता है, जिसके बावजुद लोगों के बीच भी अर्थराइटिस को लेकर अलग अलग धारणा और मिथ्स हैं. आइए जानें इन मिथ्स के बारे में....


60 से ज्यादा उम्र के लोगों को होती है समस्या
अर्थराइटिस को लेकर यह सबसे गलत धारणा लोगों के मन में बनी हुई है कि यह सिर्फ बढ़ती उम्र के लोगों के साथ ही होती है, बल्कि ऐसा कुछ भी नहीं है. दरअसल यह समस्या किसी भी उम्र के लोगों के साथ हो सकती है. आपको बता दें कि कई बार यह समस्या कम उम्र में शरीर के किसी भाग में लगे चोट में भी हो सकती है. वहीं, 30 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में यह समस्या आम मानी जाती है क्योंकि उनमें बढ़ती उम्र के साथ शरीर में कैल्शियम की कमी होने लगती है.


अर्थराइटिस में एक्सरसाइज को होता है उल्टा असर
अर्थराइटिस के दौरान कई लोगों को यह कन्फ्यूजन रहता है कि अगर वह एक्सरसाइज करते हैं तो उन्हें यह समस्या और भी बढ़ सकती है, बल्कि ऐसा कुछ भी नहीं है. डॉक्टर की सलाह पर आप अगर उन एक्सरसाइज को करते हैं, जिन्हें आपको करने के लिए बताया गया है तो आपकी अर्थराइटिस की समस्या में आराम ही मिलेगा ना कि आपको कोई समस्या हो सकती है.


अर्थराइटिस का मात्र एक ही इलाज
अर्थराईटिस को लेकर लोगों में यह धारणा बनी हुई है कि इसका एक मात्र इलाज जो है वह है सर्जरी, जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है.अगर इस बीमारी के बारे में समय रहते पता चल जाए तो बिना सर्जरी के भी आप रिकवर हो सकते हैं.


जोड़ों के दर्द को अर्थराइटिस मान लेना
अक्सर लोगों में मन में यह भ्रम हो जाता है कि अगर उन्हें जोड़ों में दर्द की समस्या हो रही है तो वह अर्थराइटिस के शिकार हैं. ऐसा मान लेना बिलकुल गलत है दरअसल जोड़ों के दर्द के कई कारण हो सकते हैं इसके लिए आपको डॉक्टर की सलाह लेना चाहिए, तभी किसी नतीजे पर पहुंचना चाहिए.


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