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Arthritis: दर्द की तकलीफ को कम करने में मददगार साबित होंगे ये फूड्स, जानिए कैसे
Arthritis: अर्थराइटिस की कई अलग-अलग किस्में हैं. आम तौर पर ये बीमारी खून में यूरिक एसिड जमने का नतीजा होती है. दरअसल, उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं, जिससे जोड़ों का दर्द होता है.
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Arthritis: अगर आपको अर्थराइटिस है, तो आप जानते हैं ये स्थिति कितनी दर्दनाक हो सकती है. अर्थराइटिस सूजन, दर्द और जोड़ों में अकड़न का कारण बननेवाली बीमारियों के एक वर्ग की परिभाषा है. ये सभी उम्र, लिंग और जातीय समूह को प्रभावित कर सकता है. अर्थराइटिस की कई अलग-अलग किस्में हैं. आम तौर पर ये बीमारी खून में यूरिक एसिड जमने का नतीजा होती है.
दरअसल, उम्र बढ़ने के साथ हड्डियां भी कमजोर होने लगती हैं, जिसके नतीजे में जोड़ों का दर्द होता है, लेकिन उसमें कमी लाना या बचना उतना भी मुश्किल काम नहीं. कई फूड्स हैं जिनके इस्तेमाल से सूजन में कमी लाई जा सकती है और अर्थराइटिस से संबंधित जोड़ों के दर्द से थोड़ा राहत देने में मदद कर सकता है.
फैटी मछली- सालमन, मैकेरल, सार्डिन और ट्राउट जैसी फैटी मछलियों की किस्में ओमेगा-3 फैट्टी एडिस में बहुत ज्यादा होती हैं, जो मजबूत सूजन रोधी प्रभावों के लिए जानी जाती हैं. मछली विटामिन डी प्राप्ति का भी अहम स्रोत जो कमी को रोकने में मदद कर सकती है. विटामिन डी की कमी से जोड़ों के रोग का ज्यादा खतरा कई रिसर्च में पाया गया है.
लहसुन- टेस्ट ट्यूब रिसर्च में लहसुन और उसके यौगिक को कैंसर से लड़नेवाले गुणों के लिए दिखाए गए हैं. उसमें दिल की बीमारी और डिमेंशिया के जोखिम को कम करने वाले यौगिक भी होते हैं. उसके अलावा, में सूजन रोधी प्रभाव पाया गया है जो अर्थराइटिस के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकता है. डाइट में लहसुन का इजाफा अर्थराइटिस के लक्षण और संपूर्ण सेहत दोनों में फायदा दे सकता है.
जैतून का तेल- अपने सूजन रोधी गुणों के लिए परिचित, जैतून का तेल अर्थराइटिस के लक्षणों पर पसंदीदा प्रभाव डाल सकता है. एक रिसर्च में चूहों को छह सप्ताह तक जैतून का तेल खिलाया गया. नतीजे से पता चला कि उसमें अर्थराइटिस को बढ़ने से रोक दिया, जोड़ का सूजन कम कर दिया. एक रिसर्च में खुलासा हुआ कि जैतून के तेल का सेवन बीमारी के कम खतरे से जुड़ा था.
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