डॉक्टर्स के मुताबिक अगर आप अपनी जिंदगी में चार चीजों को शामिल करते हैं तो आप हर बीमारी से दूर रहेंगे. यह चार चीज है सूरज की रोशनी,अच्छी डाइट,पूरी नींद और रोजाना वर्कआउट. यह चार चीज आपकी जिंदगी बदल सकती है. लेकिन अगर आपने इन चीजों को शामिल नहीं करते हैं तो आप फिर कई बीमारियों को न्यौता दे रहे हैं. सर्दियों में जिन लोगों के जोड़ों में अक्सर दर्द रहता है उनका हाल बेहाल रहता है. जो लोग उंगलियों, घुटने और कमर के दर्द से परेशान रहते हैं वह तब ज्यादा परेशान हो जाते हैं जब टैंपरेचर गिरने लगता है.सर्दियों में इन परेशानियों से बचना है तो आपको अपनी लाइफस्टाइल में कुछ सुधार करने की बेहद जरूरी है. खराब लाइफस्टाइल और शरी में कैल्शियम की कमी के कारण यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने लगता है. कार्टिलेज घिसने और ज्वाइंट्स में लुब्रिकेंट की कमी के कारण हड्डियों पर जोड़ पड़ता है.
प्रेग्नेंसी और डिलीवरी के बाद महिलाओं के लिए सर्दी कम दिक्कत भरी नहीं होती है. प्रेग्नेंसी के बाद महिलाओं का वजन बढ़ जाता है. शरीर में कई तरह की न्यूट्रिएंट्स-मिनिरल्स की कमी हो जाती है. ऐसे में जो लोग शुरू से योग करती हैं उन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान या डिलीवरी के बाद किसी तरह की दिक्कत नहीं होती है लेकिन जो महिलाएं योग नहीं करती हैं उन्हें कई तरह की दिक्कतें होती हैं.
भारत में आर्थराइटिस एक बड़ा खतरा है
भारत में 18 करोड़ गठिया के मरीज हैं
हर चौथी महिला को आर्थराइटिस हैं
हर 5 वें पुरुष को आर्थराइटिस है
युवाओं में भी तेजी से बढ़ रहा है गठिया की बीमारी
इस वजह से आर्थराइटिस की होती है बीमारी
विटामिन D की कमी
कैल्शियम की कमी
ज्यादा वजन
ज्वाइंट्स में चोट
खराब इम्यूनिटी
जेनेटिक
मिनरल्स की कमी
हॉर्मोन्स
यूरिक एसिड बढ़ना
दवाई के साइड इफेक्ट
भारत में आर्थराइटिस से होने वाली परेशानी
5 में से 1 को हड्डियों की बीमारी
बुजुर्गों के साथ-साथ यंग लोग भी इस बीमारी के हैं शिकार
आर्थराइटिस के गंभीर लक्षण
ज्वाइंट्स में काफी दर्द , उठने-बैठने में तकलीफ
जोड़ों में जकड़न
घुटनों में ज्यादा सूजन
स्किन पर रेड पैचेस होना
हड्डियों का टूटना
चलने-फिरने में तकलीफ होना
स्किन पर रेडनेस होना.