Dementia Disease: भारत में 60 या उससे ज्यादा उम्र के 1 करोड़ से अधिक लोगों को डिमेंशिया हो सकता है. ऐसा हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि ये दावा एक स्टडी में किया गया है. न्यूरोएपिडेमियोलॉजी जर्नल में पब्लिश एक नई स्टडी में पाया गया है कि भारत की एक करोड़ से ज्यादा आबादी डिमेंशिया की बीमारी से जूझ रही है. ये आंकड़ा अमेरिका, ब्रिटेन और बाकी देशों में दर्ज आंकड़ों के बराबर है.


रिसर्च के मुताबिक, 31,477 वृद्ध वयस्कों के डेटा का एनालिसिस करने के लिए सेमी-सुपरवाइज्ड मशीन लर्निंग नाम की एक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नीक का इस्तेमाल किया गया. रिसर्चर्स ने पाया कि भारत में 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों में डिमेंशिया का प्रसार 8.44 प्रतिशत है, जो देश में 10.08 मिलियन वरिष्ठ नागरिकों के बराबर है.


कैसे किया गया डिमेंशिया का निदान


अध्ययन में इस्तेमाल किया गया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लर्निंग मॉडल अलग-अलग संस्थानों के शोधकर्ताओं के एक ग्रुप द्वारा बनाया गया था, जिसमें सरे यूनिवर्सिटी, मिशिगन यूनिवर्सिटी, दक्षिणी कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी और ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) भी शामिल हैं. मॉडल को डेटा के साथ मिलाया गया था. इसमें लगभग 70 पर्सेंट का एक लेबल किया गया डेटासेट शामिल था, जिसमें एक नए ऑनलाइन कंसेंसस के जरिए डिमेंशिया का निदान किया गया. बाकी बचे 30 प्रतिशत डेटा का इस्तेमाल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भविष्यवाणियों की सटीकता को जांचने के लिए किया गया था.


डिमेंशिया से कौन ज्यादा प्रभावित?


रिसर्च ने निष्कर्ष निकाला कि बुजुर्गों, महिलाओं, अशिक्षित लोगों और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों में डिमेंशिया का रेट ज्यादा था. इस स्टडी के को-राइटर और यूनाइटेड किंगडम में सरे यूनिवर्सिटी में हेल्थ डेटा साइंस लेक्चरर हाओमियाओ जिन के मुताबिक, भारत में उम्र बढ़ने पर की गई इन्वेस्टिगेशन में 30,000 से ज्यादा वरिष्ठ नागरिक को शामिल किया गया था. 


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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