डायबिटीज के मरीजों के लिए इंसुलिन एक प्रकार का हार्मोन होता है. शरीर में इंसुलिन नहीं बनने या कमी होने पर डायबिटीज की बीमारी होती है. कमी को पूरा करने के लिए बाहर से इंसुलिन का इंजेक्शन लगाया जाता है. शरीर में पहुंचने के बाद भोजन से मिलनेवाले शुगर को इंसुलिन ग्लूकोज और फ्रूक्टोज में तोड़कर ऊर्जा देता है.


इंसुलिन का असर बनाए रखने के लिए कैसे करें स्टोर?


इंसुलिन में प्रोटीन और पानी होता है. इंसुलिन की जरूरत टाइप 1 डायबिटीज में शुरू से होती है. टाइप 2 डायबिटीज में गोली से काम चलता है लेकिन कुछ दिनों बाद इंसुलिन इंजेक्शन की तरफ रुख करना पड़ सकता है. इंसुलिन इस्तेमाल और स्टोर करने करने के तरीके पर ध्यान देना आवश्यक है. जिस तरह गलत जगह पर इस्तेमाल से इंसुलिन का डोज प्रभावी नहीं होता है, उसी तरह तापमान की भूमिका भी प्रभाव को बनाए रखने के लिए आवश्यक होती है.


इंसुलिन को ज्यादा ठंडी या गरम जगह पर रखने से उसकी ब्लड शुगर नियंत्रण करने की क्षमता घट जाती है. असर को बरकरार रखने के लिए इंसुलिन के डोज को रेफ्रिजेरेटर में 2 डिग्री सेंटीग्रेड-8 डिग्री सेंटीग्रेड के बीच तापमान पर रखा जाना चाहिए. अगर वैक्सीन पेन या शीशी में हो, तो उसे जरूर 2-30 डिग्री सेंटीग्रेड के तापमान में स्टोर करें. इस्तेमाल में लाई गई इंसुलिन की बोतल को कमरे के तापमान या रेफ्रिजरेटर में 28 दिनों तक रखा जा सकता है. जर्मनी के शोधकर्ता कैटेरिना बरुआ ने अपने साथियों के साथ तापमान का परीक्षण किया. उनकी टीम ने देखा कि कितने तापमान पर इंसुलिन को घरेलू फ्रिज में स्टोर किया गया है.


अमेरिका और यूरोपीय यूनियन के करीब 338 डायबिटीज रोगी वैक्सीन लाए थे. उन्होंने तापमान सेंसर वॉलेंटियर के घर के फ्रिज के पास स्थापित किया. ये सेंसर स्वंय हर 3 मिनट, 48 मिनट पर रोजाना 49 दिनों के लिए आकलन करते रहे. आकलन से पता चला कि समय का 11 फीसद या 2 घंटा और रोजाना 34 मिनट इंसुलिन को गलत तापमान पर फ्रिज में स्टोर किया गया.


शोधकर्ताओं का कहना है कि बहुत सारे डायबिटीज के मरीज गैर इरादतन अपनी इंसुलिन को घरेलू रेफ्रिजेरेट में तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण गलत स्टोर कर रहे हैं. जब आपको घर पर फ्रिज में इंसुलिन स्टोर करने की जरूरत हो, तो हमेशा तापमान चेक करने के लिए थर्मामीटर का इस्तेमाल करें. लंबे समय तक इंसुलिन के स्टोर की स्थिति ब्लड ग्लूकोज कम करने के असर को प्रभावित करने वाला जाना गया.


सूरज की रोशनी में इंसुलिन को छोड़ना कर देगा बेकार


इंसुलिन के बिना मरीज का ब्लड शुगर लेवल बढ़ता है जिससे हाइपरग्लाइसेमिया का खतरा रहता है. फ्रिज में रखी गई इंसुलिन को हटा देना चाहिए और इंजेक्शन से पहले कमरे के तापमान पर पहुंचने की इजाजत दी जानी चाहिए. इंसुलिन पेन को फ्रिज में स्टोर नहीं किया जाना चाहिए. इसके बजाए, उसे नियंत्रित कमरे के तापमान पर रखा जाना चाहिए. कमरे के तापमान पर स्टोर करने से पेन 7-28 दिनों तक बचेगा. दिनों की संख्या इस्तेमाल करनेवाले पेन पर निर्भर करती है. सूरज की रोशनी में इंसुलिन को न छोड़ें. रोशनी से इंसुलिन टूट सकती है और फिर आपके ब्लड शुगर लेवल को कम करने में काम नहीं करेगी. एक्सपायर हो जाने पर इंसुलिन का कभी इस्तेमाल न करें. एक्सपायरी डेट शीशी या पेन पर लिखा होता है.


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