ADHD: ये बात सभी जानते हैं कि बच्चे शरारती होते हैं. अगर बच्चे बचपन में शरारत नहीं करेंगे तो कब करेंगे? लेकिन अगर आपका बच्चा जरूर से ज्यादा शरारत करता है तो ये इग्नोर करने वाली बात नहीं है. हो सकता है आपका बच्चा मानसिक स्वास्थ्य विकार से जूझ रहा हो. इस बीमारी को ADHD के नाम से जानते हैं. यानी की अटेंशन डिफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर. यह एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है. इसके लक्षण छोटी उम्र आमतौर पर 7 साल की उम्र में दिखाई देने शुरू हो जाते हैं. आइए जानते हैं इसके लक्षण क्या है और कैसे इसका इलाज किया सकता है. सब कुछ विस्तार से...


ADHD क्या है?


ADHD बच्चों को ध्यान लगाने, कुछ याद करने में, एक जगह पर बैठने, ठीक से चलने और बच्चों को दूसरे से दोस्ती करने, किसी से घुलने मिलने में भी समस्या होती है. डॉक्टर की माने तो यह समस्या ऐसे परिवारों में अधिक देखी जाती है, जिनके  घर में तनाव का माहौल बना रहता है, या फिर बच्चों पर पढ़ाई का ज्यादा जोर दिया जाता है. वहीं लड़कियों की तुलना में लड़कों को इसकी समस्या ज्यादा होती है. कई बार ये समस्या इतनी ज्यादा हो जाती है कि बच्चों को कुछ सीखाना, टीचर और अभिभावक दोनों के लिए मुश्किल हो जाता है. ऐसे बच्चे दूसरे बच्चे के साथ फिट नहीं बैठ पाते हैं. कोई ना कोई शरारत करते ही रहते हैं.


ADHD के लक्षण?



  • एक जगह पर टिक कर ना बैठना

  • बैठने पर अपनी जगह पर कुछ ना कुछ करते रहना

  • किसी भी बात पर ध्यान ना देना

  • शांत बिल्कुल भी ना रहना

  • बहुत ज्यादा बात करना

  • दूसरों के काम में दखल देना

  • आसानी से डिस्ट्रैक्ट हो जाना

  • काम के बीच में दूसरे काम में लग जाना

  • चिल्लाना

  • चीज फेंकना

  • काम खत्म ना करना

  • चीज याद रखने में परेशानी होना


ADHD के कारण?


इस बीमारी के कारण का अभी कुछ खास पता नहीं है. लेकिन शुरुआती शोध के मुताबिक डाक्टर कमाना है कि ADHD  होने का कारण अनुवांशिक हो सकता है, गर्भावस्था के दौरान मस्तिष्क ठीक से विकसित ना होना, इसके अलावा दिमाग में परिवर्तन, मस्तिष्क में चोट, समय से पहले डिलीवरी जैसे कारण हो सकते हैं.


क्या है इसका इलाज?


इस बीमारी का कोई टेस्ट नहीं होता है. ये बीमारी बिहेवियर के आधार पर ही पता चलती है. अगर आपको ऐसा महसूस होता है कि आपके बच्चे को भी ADHD  है तो आपको डॉक्टर से तुरंत संपर्क करना चाहिए. बच्चे का ट्रीटमेंट शुरू होने पर दवाइयां दी जाती है. इसके साथ ही बिहेवियरल ट्रीटमेंट भी किया जाता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें. 


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