नयी दिल्ली: दिल्ली में यदि हवा की क्वा‍लिटी में सुधार हो जाए और विश्व स्वास्थ्य संगठन के संबंधित मानकों को पूरा कर लिया जाए तो शहर के निवासियों की आयु में औसतन नौ साल की वृद्धि हो सकती है. यह बात एक स्टडी में कही गई है.


क्या कहती है रिसर्च-
यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में एनर्जी एंड पॉलिसी इंस्टिट्यूट द्वारा डवलप एयर क्वालिटी लाइफ इंडेक्स (एक्यूएलआई) के अनुसार, भारत में यदि राष्ट्रीय स्तर पर एयर क्वा‍लिटी के विश्व स्वास्थ्य संगठन मानकों को पूरा कर लिया जाए तो भारतीयों की आयु में औसतन चार साल की बढ़ोतरी हो सकती है.


कैसे की गई स्टडी-
स्टडी में एयरबोर्न कणों को पीएम 2.5 लेवल मापा गया और देखा गया कि इसकी मात्रा में कमी से लोगों की लाइफ पर क्या असर पड़ सकता है.


रिसर्च के नतीजे-
रिसर्च में कहा गया कि यदि दिल्ली की हवा में 2.5 लेवल के तहत विश्व स्वास्थ्य संगठन के सालाना 10 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर (ug/m3) के मानक को पूरा कर लिया जाता है तो शहर के लोग नौ साल अधिक जी सकते हैं और यदि राष्ट्रीय राजधानी में 40 ug/m3 के राष्ट्रीय मानक को पूरा किया जाता है तो तब दिल्ली के लोग छह साल अधिक जी सकते हैं.


एयर पॉल्यूशन के कारण लोगों के रेस्पिरेट्री सिस्टम और फिर ब्लड फ्लो में प्रॉब्लम्स हो रही है.


रिसर्च में कहा गया है कि एयर पॉल्यूशन कम होने से दिल्ली जैसे बड़े शहरों में कुछ बड़े लाभ दिखेंगे. यदि देश अपने राष्ट्रीय मानकों को पूरा करता है तो लोग छह साल अधिक जी सकते हैं और यदि डब्ल्यूएचओ के मानकों को पूरा किया जाता है तो लोग नौ साल अधिक जी सकते हैं.


एनर्जी एंड पॉलिसी इंस्टिट्यूट के निदेशक माइकल ग्रीनस्टोन ने कहा कि एक्यूएलआई बताता है कि एयर पॉल्यूशन लोगों की हेल्थ के लिए सबसे बड़ा जोखिम हैं. इनसे दुनिया के कई हिस्सों में लोगों की लाइफ साइकल पर उसी तरह का असर पड़ता है जैसे दशकों तक सिगरेट पीने से पड़ता है.


दुनिया के सबसे ज्यादा प्रदूषित शहरों की सूची में दिल्ली का नंबर बहुत ऊपर है. शहर प्रदूषण से निपटने की तैयारी कर रहा है जो सर्दियों में खतरनाक स्तर पर पहुंच जाता है.