पित्त दोष (Pitta Dosha) वाले लोगों को पेट में एसिडिटी और कब्ज (Acidity and Constipation ) की समस्या बनी रहती है. पित्त दोष होने पर खाना अच्छी तरह से डायजेस्ट नहीं हो पाता है. स्वस्थ रहने के लिए शरीर में पित्त का संतुलन होना जरूरी है. ऐसे लोगों को खाने में ठंडी और मीठी चीजों का सेवन करना चाहिए. पित्त वाले लोगों को गर्म तासीर वाला खाना और खट्टी चीजें से परहेज करना चाहिए. इससे शरीर में पित्त बढ़ता है. अगर आपके शरीर में लाल चकते या फोड़े-फुंसी हो जाते हैं या आपको एसिडिटी रहती है तो आपको पित्त विकार है. अगर आपको बहुत जल्दी गुस्सा आता है तो समझ जाएं कि शरीर में पित्त प्रकृति है. पित्त को कंट्रोल करने के लिए आपको खाने में संतुलन बनाने की जरूरत है. आपको कुछ चीजों से दूरी बनाकर रखना जरूरी है. 


1- मिर्च- मसाले वाला खाना- अगर आपको पित्त दोष है तो आपको मिर्च-मसाले वाले खाने से परहेज करना चाहिए. ऐसा खाना आपको नुकसान कर सकता है. लाल मिर्च की तासीर गर्म होती है जिससे शरीर में पित्त ज्यादा बनता है. आपको खाने में काली मिर्च, दालचीनी, तेजपत्ता, लौंग आदि के सेवन से बचना चाहिए. 


2- ड्राय फ्रूट्स- सूखे मेवा की तासीर बहुत गर्म होती है. जिन लोगों को पित्त विकार रहता है उन्हें कम मात्रा में ड्राई फ्रूट्स खाने चाहिए. आपको काजू, बादाम, किशमिश, पिस्ता और अखरोट का सेवन नहीं करना चाहिए. आप चाहें तो बादाम को भिगोकर खा सकते हैं. 


3- खट्टे फल- पित्त वाले लोगों को खट्टे फलों से भी परहेज करना होता है. खट्टी चीजें शरीर में पित्त की मात्रा बढ़ाती हैं. आपको संतरा, मौसंमी, कीवी और चकोतरा जैसे फल नहीं खाने चाहिए. इसकी जगह आप तरबूज, खीरा और सेब खा सकते हैं. 


4-  चाय- कॉफी- पित्त वाले लोगों को कैफीन युक्त खाने से बचना चाहिए. कैफीन युक्त चीजें जैसे कॉफी, चाय,सोडा और चॉकलेट्स कम मात्रा में लेने चाहिए. इससे पित्त बढ़ता है. आप इसकी जगह हर्बल टी या ग्रीन टी पी सकते हैं. 


5- गर्म तासीर की सब्जी और दालें- पित्त वाले लोगों को गर्म तासीर की सब्जियों से भी परहेज रखना चाहिए. इसके साथ ही चिपचिपी सब्जियों जैसे बैंगन, अरबी, भिंडी, कटहल, सरसों का साग भी नहीं खाना चाहिए. पित्त को संतुलित रखने के लिए आप पालक, बींस, परवल और सीताफल खा सकते हैं. गर्म तासीर की दालों से भी परहेज करें. आप मूंग की दाल खा सकते हैं. 


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