Ayurvedic Tips: नहाना सिर्फ नहाना नहीं होता, आप अगर सही तरीका यूज करें तो इन बीमारियों से बच सकते हैं
Ayurveic Bathing Tips: बाथरूम में हार्ट अटैक (Heart Attack) आने या पैरालिसिस का अटैक (Paralysis Attack) आने के कई केस आपने देखे या सुने होंगे. यहां इनसे बचने की विधि बताई गई है.
Best Way To Bath: स्नान करने के दौरान भी शरीर विज्ञान (physiology) का ध्यान रखना होता है. ताकि शरीर पर पानी डलने से आपको राहत मिले ना कि बीमारी. आयुर्वेद (Ayurveda) के अनुसार, स्नान करने की भी अपनी विधि होती है ताकि शरीर के तापमान (Body temperature) को धीरे-धीरे करके कम किया जा सके. जब आप इस विधि के अनुसार स्नान शुरू करते हैं तो बाथरूम में हार्ट अटैक आने या पैरालिसिस अटैक आने की आशंका काफी हद तक कम हो जाती है.
नहाते समय क्यों बिगड़ जाती है तबीयत?
आपने ऐसा अक्सर देखा होगा या सुना होगा कि कुछ लोगों को नहाने के तुरंत बाद छींकें आना शुरू हो जाती हैं. जबकि कुछ लोग बाथरूम में जाते समय तो एकदम ठीक होते हैं लेकिन जब बाहर आते हैं तब तक उन्हें तेज जुकाम हो चुका होता है! कुछ केसेज में तो लोगों को बाथरूम के अंदर ही हार्ट अटैक या फिर पैरालिसिस अटैक तक हो जाता है. इन सभी समस्याओं का बड़ा कारण है नहाते समय शरीर विज्ञान का ध्यान ना रखना.
नहाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
आयुर्वेद के अनुसार, स्नान करते समय आपको शरीर के तापमान, पानी के तापमान और मौसम का पूरा ध्यान रखना चाहिए. ऐसा करके आप पानी के गुणों का लाभ उठा सकते हैं और शरीर को पुष्ट (Nourish)बना सकते हैं.
- नहाने की शुरुआत हमेशा हाथ धोने के साथ करनी चाहिए. यानी सबसे पहले अपने हाथ और फिर पूरी बाजुओं को अच्छी तरह धुलें.
- एक-एक करके पहले हाथों को गीला करें और फिर पैरों को और इसके बाद चेहरा धुलें.
- चेहरा धुलने के बाद आप कंधे से पानी डालकर बाकी शरीर को गीला करें और सबसे आखिर में सिर पर पानी डालें.
- जब आप नहाने के दौरान इस प्रक्रिया का ध्यान रखते हैं तो आपके शरीर का तापमान धीरे-धीरे कम होता है और पानी के तापमान के साथ मैच करने लगता है. जिससे नहाते समय हार्ट अटैक आने या पैरालिसिस अटैक आने का खतरा कम होता है.
नहाते समय क्यों हो जाती हैं स्वास्थ्य समस्याएं?
स्नान करते समय होने वाली स्वास्थ्य समस्याएं शरीर की प्रतिक्रिया होती हैं. जब किसी व्यक्ति को नहाते समय अचानक जुकाम हो जाता है तो इसके कुछ मुख्य कारण होते हैं...
- यदि कोई बिना पसीना सुखाए नहाने चला जाता है.
- यदि रनिंग के तुरंत बाद हाथ-पैर धो लिए या नहा लिए.
- तेज धूप से आने के तुरंत बाद या फिर लंबे सफर से आने के तुरंत बाद नहाना.
- चाय-कॉफी या कोई भी गर्म ड्रिंक लेने के बाद 5 से 10 मिनट के अंदर नहा लेना.
क्यों होता है नहाते समय पैरालिसिस अटैक?
- नहाते समय पैरालिसिस अटैक ज्यादातर उन लोगों को होता है, जो भोजन करने के बाद अक्सर नहाने चले जाते हैं. ध्यान रखें भोजन करने के बाद कम से कम दो घंटे तक आपको स्नान नहीं करना चाहिए.
नहाते समय हार्ट अटैक क्यों होता है?
बाथरूम में हार्ट अटैक के मामले आमतौर पर गर्मी के सीजन में देखने को मिलते हैं. सर्दी में ऐसे केस आमतौर पर कम आते हैं. हालांकि बाथरूम में हार्ट अटैक होने के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं. इनमें ऊपर पैरालिसिस और जुकाम के लिए बताए गए सभी कारण शामिल हैं. साथ ही जो लोग नहाने की शुरुआत में सबसे पहले अपने सिर पर पानी डालते हैं, उन्हें बाथरूम में हार्ट अटैक होने का खतरा अन्य लोगों की तुलना में काफी हद तक बढ़ जाता है. यह आर्टिकल आयुर्वेदिक वैद्य सुरेंद्र सिंह राजपूत से बातचीत पर आधारित है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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