सिर दर्द से लेकर बुखार तक, ज्यादातर समय हम केवल अंग्रेजी दवाओं का ही उपयोग करते हैं. यह बात कई विशेषज्ञ और हेल्थ एक्सपर्ट्स अपने इंटरव्यूज में बताते हैं कि अंग्रेजी दवाएं शरीर पर कई तरह के बुरे असर डालती हैं. इनका बुरा रिजल्ट तब अधिक देखने को मिलता है, जब लोग बिना डॉक्टर की सलाह के मेडिकल से यूं ही दवाई खरीदकर खा लेते हैं. यदि आप चाहते हैं कि अंग्रेजी दवाओं से होने वाले साइड इफेक्ट्स से आप बचे रहें तो आपको इन आयुर्वेदिक दवाओं के नाम जुबान पर रटे होने चाहिए...
किसी भी दर्द या समस्या से जल्दी राहत पाने के लिए ज्यादातर लोग अंग्रेजी दवाओं की तरफ भागते हैं. क्योंकि ज्यादातर लोगों को लगता है कि पेन किलर्स सिर्फ अंग्रेजी दवाओं में ही होती हैं और ये ही जल्दी राहत देती हैं. जबकि ऐसा बिल्कुल नहीं है. यहां हम आपको कुछ आयुर्वेदिक पेन किलर्स के नाम बता रहे हैं, जो आपको उतने ही समय में राहत देती हैं, जितने समय में कोई अंग्रेजी दवाई. यहां जानें किस दर्द और सामान्य रोग में कौन-सी आयुर्वेदिक दवाई लेनी चाहिए.
- सिर दर्द के लिए - शिर: शूल वटी
- बदन दर्द और शरीर के टूटने पर - शूल वर्जनी वटी
- सीने पर जलन और बदहजमी के लिए - अविपत्तिकर चूर्ण
- बुखार होने पर - लक्ष्मी विलास रस
- बार-बार पेशाब आने पर - चंद्रप्रभा वटी
- खांसी होने पर - श्वसारि कफ सिरप
मात्रा का ध्यान रखना है जरूरी
- आमतौर पर इन दवाओं के बारे में और इनकी मात्रा में इनके पैक पर लिखा होता है. लेकिन बेहतर यही होगा कि इन सभी दवाओं की डोज की जानकारी आप एक बार में ही किसी अच्छे वैद्य से या फिर आयुर्वेदिक डॉक्टर से ले लें.
- हालांकि जितनी भी वटी यानी गोलियां हैं आप इन्हें एक-एक की मात्रा में ले सकते हैं और अविपत्तिकर चूर्ण की मात्रा एक चौथाई चम्मच काफी होती है. कफ सिरप बच्चों के लिए एक चम्मच और बड़ों के लिए दो चम्मच पर्याप्त होता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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