आपके दिमाग में लगातार कुछ ना कुछ चलता रहता है और आपको किसी भी एक काम पर ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत आती है तो परेशान ना हों. आपको कोई मानसिक बीमारी नहीं है बल्कि आप वात दोष से पीड़ित हैं या कहिए कि आपके शरीर में वात यानी वायु की अधिकता है और यह आपके शरीर का मुख्य दोष है...
दरअसल, आयुर्वेद में सभी मानसिक समस्याओं, व्यक्तित्व और बीमारियों का संबंध तीन दोषों से माना गया है. ये हैं, वात-पित्त और कफ. हर किसी के शरीर में इन तीन में से कोई एक दोष जरूर होता है और इसी के अनुसार उस व्यक्ति का व्यक्तित्व यानी पर्सनैलिटी होती है. जिन लोगों का मन बहुत चंचल होता है और जिन्हें किसी भी एक काम पर ध्यान एकत्र करने में दिक्कत आती है, उन लोगों का मन वात प्रमुख होता है. ऐसे में इनके दिमाग में एक साथ कई चीजें चलती रहती हैं. अगर आपका मन भी चंचल है तो यहां आप अपने मन को बहुत अच्छी तरह समझ सकते हैं. साथ ही यह भी जान सकते हैं कि आप अपने मन को कैसे शांत और खुश रख सकते हैं.
वात प्रमुख मन के लक्षण
- आप बहुत अधिक बेचैन रहते हैं और एक ही समय पर आप बहुत अधिक अलर्ट होने के साथ ही बहुत परेशान भी हो सकते हैं. इससे लोग आपको देखकर अक्सर कंफ्यूज हो जाते हैं कि आखिर आपके दिमाग में चल क्या रहा है!
- आपको किसी एक चीज पर ध्यान केंद्रित करने में समस्या आती है. किसी भी चीज से आपका मोह बहुत जल्दी भंग हो जाता है और आपका ध्यान किसी भी चीज से आसानी से हट जाता है.
- आपको निर्णय लेने में अक्सर समस्या आती है. जब दो विकल्प में से कोई एक चुनना हो तो आप अक्सर कंफ्यूज हो जाते हैं कि आखिर आपको 'ये' चुनना चाहिए या 'वो'.
- आपको पसंद नहीं आता कि कोई आपको रेग्युलेट करे. आपको बदलाव हमेशा अच्छा लगता है. एक जैसी चीजें आपको बहुत जल्दी बोर कर देती हैं और आप नई चीजों की तलाश में जुट जाते हैं.
वात प्रमुख माइंड की खूबियां
- वात प्रमुख माइंड या बहुत चंचल मन होना कोई बुरी बात नहीं है बल्कि आप इसे इस तरह लें कि आप अपनी दुनिया में बहुत मस्त रहते हैं और कोई चाहकर भी आपको कंट्रोल नहीं कर सकता! क्योंकि एक कमरे में बैठा होने के बाद भी आप खुद को गोआ में होने का फील दे सकते हैं. आपकी कल्पना शक्ति बहुत मजबूत होती है.
- आप बहुत आशावादी, ऊर्जा और जीवन से भरे हुए होते हैं. पित्त और कफ दोषों से युक्त व्यक्ति चाहकर भी आपके जीवन जीने के अंदाज को कम नहीं कर पाते. साथ ही यह भी खास है कि आप बॉसी नेचर के नहीं होते हैं लेकिन आप असल में बॉस होते हैं!
वात प्रमुख माइंड से ऐसे डील करें
- जब शरीर में वात बहुत अधिक बढ़ जाए तो आपको समस्या हो सकती है. इस स्थिति में खुद को शांत और फोकस्ड रखने के लिए आप यहां बताए गए टिप्स अपना सकते हैं...
- वात रूखा होता है जबकि इसका उलट होता है ऑइली. इसलिए जब शरीर में वात अधिक बढ़ जाए तो आपको अपने शरीर की नियमित रूप से मालिश शुरू कर देनी चाहिए. खासतौर पर काले तिल का तेल आपके लिए अधिक लाभकारी होगा.
- रात को सोने से पहले अपने पैरों पर तेल से 5 मिनट की मालिश जरूर करें. इससे वात संतुलित होता है और आपका मन शांत रहता है. आपको नींद भी अच्छी आएगी.
- वायु हल्की होती है और हल्के का उल्टा होता है भारी यानी कि पृथ्वी. आप पेड़-पौधे लगाएं, उनकी देखभाल करें, नंगे पर मिट्टी और घास पर चलें, प्रकृति के सानिध्य में रहें. इससे आपका मन शांत और एकाग्र बनेगा. लेकिन ठंडी जमीन पर नंगे पैर चलने से वात की वृद्धि हो सकती है.
- वात शीतल होता है और इसका उल्टा है गर्म. इसलिए आप हमेशा गर्म तासीर वाली चीजें खाएं और गर्म खाना खाएं. खिचड़ी, सूप और ड्राइफ्रूट्स को अपनी डायट में शामिल करें. ऊर्जावान और जॉली नेचर के लोगों के बीच रहें. गर्म स्थानों पर रहें. इससे आपको अपने मन को शांत और स्थिर रखने में सहायता मिलेगी.
- ध्यान (Meditation) और योग (Yoga) ये आपके मन को नियंत्रित रखने में जादू जैसा असर करते हैं. आपको फैंसी योग नहीं बल्कि वास्तविक योग करना है, जिसमें सभी आसन पूरी तन्मयता के साथ लगाएं जाते हैं. फैंसी योग यानी हल्के-फुल्के मूवमेंट्स से आपको लाभ नहीं मिल पाएगा.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.
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