बेंगलुरु : आईटी कंपनी विप्रो के संस्थापक-अध्यक्ष अजीम प्रेमजी ने रविवार को भारत सरकार को COVID-19 के खिलाफ देश के मेगा टीकाकरण अभियान में निजी क्षेत्र को भागीदारी की अनुमति देने का प्रस्ताव रखते हुए कहा कि यदि सरकार निजी क्षेत्र के साथ जुड़ती है तो अगले 60 दिनों में करीब 50 करोड़ से अधिक लोगों को टीका लगाया जा सकता है.


बैंगलोर चैंबर ऑफ इंडस्ट्री एंड कॉमर्स द्वारा आयोजित एक संवाद सत्र को संबोधित करते हुए प्रेमजी ने भारत के टीकाकरण कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि COVID-19 वैक्सीन को रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया है. उन्होंने कहा कि आज बड़े अनुपात में लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने की आवश्यकता है.


प्रेमजी ने वित्त मंत्री से कहा कि इस बात की संभावना है कि हम सीरम संस्थान को लगभग 300 रुपए प्रति शॉट और अस्पताल और निजी नर्सिंग होम 100 रुपए प्रति शॉट उपलब्ध करवा सकते हैं. ऐसे में 400 रुपए प्रति शॉट के साथ एक बहुत बड़ी जनसंख्या का टीकाकरण किया जा सकता है. उनके अनुसार, यदि सरकार निजी क्षेत्र को इसमें साथ लेती है तो देश 60 दिनों के भीतर 50 करोड़ लोगों को कवर कर सकता है.


जीवनरेखा बन रही है प्रौद्योगिकी


प्रेमजी ने कोरोनोवायरस महामारी के बीच आईटी उद्योग के परिवर्तन के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि देश के प्रौद्योगिकी उद्योग में 90 प्रतिशत कार्यबल घर से काम करना जारी रखे हुए है. प्रेमजी ने कहा कि आईटी उद्योग और सरकार ने एक स्थायी हाइब्रिड मॉडल के मूल्य की सराहना की है, जहां लोग महामारी की समाप्ति के बाद भी कार्यालय और घर से आंशिक रूप से काम करेंगे. प्रेमजी ने कहा कि यह समावेशी विकास, देश के सभी हिस्सों से बेहतर भागीदारी और अधिक से अधिक महिलाओं की संख्या को बढ़ावा देगा, जिनके पास घर से काम करने का विकल्प होगा.


उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी व्यक्तियों और व्यवसायों के रूप में हमारे लिए जीवनरेखा बन रही है. प्रेमजी ने 2019 में विप्रो के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक का पद छोड़ दिया था और कंपनी की बागडोर अपने बेटे रिशाद को सौंप दी थी. वर्तमान में वे विप्रो के संस्थापक-अध्यक्ष और गैर-कार्यकारी निदेशक के पद पर हैं.


वित्त मंत्री ने कहा- 2021-22 का बजट निजी क्षेत्र को सुगम बनाने के लिए


कार्यक्रम में मौजूद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि केंद्रीय बजट 2021-22 आर्थिक विकास के लिए सरकार की तरफ से निजी क्षेत्र को सुगम बनाने के बारे में है. इसके बिना देश एक बड़ा अवसर खो देता. सीतारमण ने कहा कि यहां सबसे महत्वपूर्ण घटक या इनपुट निजी क्षेत्र की भागीदारी है। जब तक निजी क्षेत्र पर्याप्त रूप से सक्रिय नहीं होता है, जब तक इसे पर्याप्त रूप से सुविधाजनक नहीं बनाया जाता है, भारत बहुत बड़ा अवसर खो रहा है. वित्त मंत्री के अनुसार, कोरोनावायरस वैक्सीन सरकारी-निजी भागीदारी का एक बड़ा उदाहरण था.


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