Teething In Baby: सदियों से ऐसी मान्यता चली आ रही है कि जब न्यू बोर्न बच्चे का दांत निकलता है तो बच्चे को लूज मोशन होता है.अमूमन हर कोई ऐसा सोचता है. हम सभी ने कभी ना कभी ये स्टेटमेंट अपने घर में सुना होगा लेकिन ये एक बहुत बड़ा भ्रम है. तो फिर आखिर दांत आने पर ही बच्चे को क्यों दस्त लग जाते हैं. क्या है इस सुनी सुनाई बातों का सच जानेंगे आगे की आर्टिकल में.


दांत निकलते वक्त क्यों होता है दस्त


देखिए ये भ्रम वर्षों से चला आ रहा है लेकिन मेडिकल रिसर्च में दांत और दस्त का आपस में दूर-दूर तक कोई भी संबंध नहीं पाया गया है. हालांकि इस बात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि दांत निकलते वक्त बच्चों को दस्त तो होता है. लेकिन इसके पीछे कई अन्य कारक जिम्मेदार हो सकते हैं. जब शिशु को दांत निकलने वाला होता है तो अक्सर शिशु के मसूड़े बहुत ही ज्यादा सख्त हो जाते हैं जो उनमें इरिटेशन पैदा करते हैं यही वजह है कि बच्चे अपने आसपास की चीजों को अपने हाथ को मुंह में लेने की कोशिश करते हैं. ऐसे में अगर उन चीजों में हाइजीन नहीं होगा तो इसके कारण पेट में इंफेक्शन हो सकता है. बच्चे वैसे भी काफी ज्यादा सेंसिटिव होते हैं तो इस वजह से उन्हें इंफेक्शन ज्यादा ट्रिगर करता है और इन्हीं चीजों की वजह से बच्चों को लूज मोशन होता है. इसके अलावा दांत निकलने के दौरान बच्चे के शरीर का तापमान भी बढ़ जाता है. साथ ही सलाइवा भी ज्यादा आने लगता है. इस दौरान बच्चा दूध की ज्यादा डिमांड करने लगता है और ज्यादा दूध पीने से बार-बार मल त्यागते हैं.


इन वजहों से भी होता है दस्त


1.फीड इनटॉलरेंस की स्थिति में भी बच्चे को लूज मोशन और उल्टी की समस्या हो सकती है. ऐसा तब होता है जब बच्चा ऊपर का दूध पीता है और दूध पच नहीं पाता है. इस कारण भी लूज मोशन हो सकता है.


2.कई बार बच्चे को हम गाय का दूध पिलाते हैं. लेकिन बच्चों को गाय के दूध से भी एलर्जी हो जाती है. जिस कारण भी उल्टी और लूज मोशन हो सकता है.


3.लूज मोशन का कराण पेट में इन्फेक्शन भी हो सकता है. कई बार दूध की बोतल साफ नहीं होती है जिस वजह से बोतल के बैक्टीरिया सीधे बच्चे के पेट में चले जाते हैं और यह भी लूज मोशन का कारण बन सकता है.


दस्त से कैसे करें बचाव


बच्चे को दस्त से बचाना है तो आप इस बात का ध्यान रखें कि आपके बच्चे के आसपास जो भी चीजें हैं वो साफ हो. आपका बच्चा कोई भी चीज उठा कर मुंह में ना ले ले. इसके साथ ही शरीर में पानी की कमी भी नहीं होनी चाहिए.मां को ऊपर का दूध पिलाने की जगह खुद ही थोड़ी थोड़ी देर पर फीड कर आना चाहिए.ज्यादा समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी होता है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.


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