बाम में ऐसा क्या होता है कि उसे लगाने पर सिर दर्द बन्द हो जाता है?
दुनिया में तमाम तरह के बाम मौजूद है. हर कंपनी अपना-अलग तरह के बाम बेचती है. लेकिन हम सिर्फ ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि बाम में ऐसा क्या होता है कि लोगों को सिर दर्द होते ही इसकी याद आने लगती है.
Pain Relief Balm: सिर में दर्द है. जरा दवा की दुकान से बाम ले लेना. बाम से निकले थोड़े चिपचिपे पदार्थ को लगाने से दर्द में काफी आराम मिल जाता है. दवाओं की दुकान पर जाकर लोग बाम खरीदना पसंद करते हैं. अलग अलग कंपनियों के ब्रांड के बाम की लोग डिमांड करते हैं. लोगों का कहना है कि बाम दर्द के खिलाफ बेहद असरकारक है और फास्ट रिलीफ का काम करती है. लेकिन बाम दर्द में काम करता है या नहीं, इसके पीछे डॉक्टर्स के कुछ तर्क हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों का कहना है कि बाम स्किन पर बहुत तेज लगती है और ठंडक और थोड़ी जलन पैदा करती है. ऐसा करके वह सबसे पहले दर्द से ध्यान हटाती है. दर्द से ध्यान हटते ही लोगों को उतना पेन महसूस नहीं होता.
मिलते जुलते तत्व होते हैं मौजूद
आम तौर पर दर्द रोकने के लिए एस्पिरिन, इबुप्रोफेन जैसी नॉन स्टरराईडल जैसी एंटी इंफ्लेमेटरी दवा का प्रयोग किया जाता है. यह एस्पिरिन और इबुप्रोफेन का मूल साल्ट नहीं होता है. इससे भी कुछ दर्द कम होने में मदद मिलती है लेकिन बाम लगाने को, दवाओं की तरह प्रॉपर इलाज नहीं माना जाता है.
अंग्रेजी दवाएं कैसे काम करती हैं?
डॉक्टरों का कहना है कि अंग्रेजी दवा निगलने या इंजेक्ट करने के बाद बॉडी में पहुंचती हैं. यह दवा उन हार्माेन को एक्टिव करने से रोक देती है, जिनसे सूजन और दर्द का अनुभव होता है. इन दवओं से ब्रेन को भी काफी हद तक रिलीफ मिलता है. इससे ब्रेन शरीर को सिग्नल भेजता है कि उन्हें किसी तरह का दर्द का अहसास नहीं है. इसके उलट बाम लगाने पर त्वचा में ठंडक पहुंचती है. हल्की सी जलन होती है. इससे ब्रेन का ध्यान दर्द से भटक जाता है और कुछ समय के लिए दर्द का अहसास नहीं होता है.
एक नुकसान यह भी
देश के नामी बाम में एक्टिव इंग्रेडिएंट मिथाइल सैलिसिलेट का प्रयोग किया जाता है. इसका सोर्स विंटरग्रीन तेल को माना जाता है. इसे लिक्विड कंस्ट्रेट पत्ते के फर्मेंटेशन से तैयार किया जाता है. इस विधि को तैयार रने में 98 प्रतिशत मिथाइल सेलिसिलेट होता है. यह एक तरह से जहरीला तत्व होता है. इसको लेकर अमेरिका के औषधि विभाग की चेतावनी है कि यदि यह रसायन 5 प्रतिशत से अधिक मिले तो इसे चेतावनी के रूप में लिखा जाए. लेकिन बाम के मामले में ऐसा नहीं होता है. इसको लेकर एम्स में रिसर्च की गई है, जिसमें सामने आया कि इसका अधिक प्रयोग से ब्लड में जहरीले रसायन जमा हो सकते हैं. जो सीधे व्यक्ति के ब्लड में जा सकते हैं. हालांकि बाम कितना असरकारक है. इसको लेकर अभी तक कोई वैज्ञानिक रिसर्च सामने नहीं आई है.
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