(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
नाक पर हुई फुंसी को पिंपल समझती रही महिला, जांच हुई तो पता चला कि 'जानलेवा कैंसर' है
मिशेल डेविस को नाक पर एक पिंपल निकला था. जब इसकी जांच की गई तो सामने आया कि डेविस को बेसल सेल कार्सिनोमा था, जो एक तरह का स्किन कैंसर है.
Basal Cell Carcinoma: पिंपल्स होना वैसे तो काफी आम बात है और ये कभी-भी किसी को भी हो जाते हैं. हालांकि तब क्या हो जब यही पिंपल्स कैंसर का कारण बन जाएं? बेशक आप यह सुनकर चौंक गए होंगे, लेकिन 52 साल की मिशेल डेविस के साथ बिलेकुल ऐसा ही चौंकाने वाला मामला हुआ है. आमतौर पर पिंपल्स हॉर्मोन्स से जुड़े होते हैं और कई बार प्रदूषण और गंदगी की वजह से हो जाते हैं. लेकिन अभी तक ऐसा मामला सामने नहीं आया था, जिसमें पिंपल्स से कैंसर की पहचान की गई हो.
मिशेल डेविस को नाक पर एक पिंपल निकला था, जिसकी जांच में पता चला कि डेविस को कैंसर की बीमारी है. दरअसल अप्रैल 2022 में उसने एक लाल गांठ को नोटिस करना शुरू किया था. उसे लगा यह तो बस पिंपल है, इसलिए इसे सीरियसली क्या लेना. लेकिन जब पिंपल्स में दर्द शुरू होने लगा तो उसे शक हुआ. जिसके बाद वो डॉक्टर के पास जांच के लिए गई. बायोप्सी में पता चला कि उसे बेसल सेल कार्सिनोमा था, जो एक तरह का स्किन कैंसर है.
कैंसर से निजात पाने के लिए कराई सर्जरी
मिशेल डेविस ने कैंसर से निजात पाने के लिए सर्जरी करवाई. न्यूजीलैंड की रहने वाली मिशेल ने खुलासा किया कि उसने फुंसी को दबाने की कोशिश की, लेकिन उसमें से कुछ नहीं निकला. हालांकि बाद में इसमें से खून बहने लगा, दो कई बार एक हफ्ते तक चलता था. उसने यह भी बताया कि फुंसी बहुत टाइट थी. जांच में सामने आया कि उन्हें कैंसर था, जिसे दूर करने के लिए तुरंत सर्जरी कराने की जरूरत है. सर्जरी के बाद मिशेल ठीक तो हो गई, लेकिन अब उसमें इस बीमारी के वापस आने की संभावना भी बढ़ गई है. कहा जाता है कि कुछ मामलों में कैंसर लौटकर वापस आता है.
बेसल सेल कार्सिनोमा के क्या हैं शुरुआती लक्षण?
इस तरह का कैंसर बेसल सेल्स में पैदा होता है. पुरानी सेल्स के डेड हो जाने के बाद बेसल सेल्स नई स्किन सेल्स का निर्माण करती हैं. हालांकि इन सेल्स के कैंसर को सूरज के कॉन्टैक्ट में आकर सीमित किया जा सकता है. आइए जानते हैं कि बेसल सेल कार्सिनोमा के शुरुआती लक्षण क्या हैं?
1. सूरज के सीधे कॉन्टैक्ट में आने वाले हिस्से, जैसे- चेहरे और गर्दन पर पपड़ीदार धब्बे होना.
2. स्किन पर सफेद या भूरी गांठ होना.
3. चपटे और पपड़ीदार पैच
4. स्किन के कलर की गांठ, जो लगभग पारदर्शी होती है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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