Corona Virus: कोरोना से ठीक होने के बाद भी रहें सचेत, पोस्ट कोविड जरूरी हैं ये 5 मेडिकल टेस्ट
कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद कम से कम 4-6 हफ्ते अपनी बॉडी का बेहद ख्याल रखने की जरूरत है. शरीर में होने वाली किसी भी छोटी-बड़ी परेशानी को नजरअंदाज ना करें और बेहतर होगा कि डॉक्टर की सलाह पर जरूरी पोस्ट कोविड टेस्ट कराएं.
कोरोना वायरस के इंफेक्शन से उबरने के बाद भी अपनी हेल्थ को बिल्कुल हल्के में ना लें. डॉक्टर्स कोरोना से ठीक होने वाले पेशेंट्स को भी कई जरूरी मेडिकल टेस्ट की सलाह दे रहे हैं ताकि उससे ये पता चल सके कि कोविड ने शरीर को कितना नुकसान पहुंचाया है. कोरोना से ठीक होने के बाद भी अगर आपको बॉडी में कोई परेशानी महसूस होती है या फिर आप शुगर, बीपी, हार्ट या किसी और तरह की मेडिकल कंडिशन के शिकार है तो ये 5 टेस्ट जरूर करायें.
1-एंटीबॉडी और सीबीसी टेस्ट
कोविड होने के बाद सबसे पहले एंटीबॉडी टेस्ट कराना जरूरी है. इस टेस्ट से पता चलता है कि आपकी बॉडी में किस लेवल पर एंटीबॉडी बने हैं. शरीर में एंटीबॉडी बनने में एक से दो हफ्ते लग सकते हैं. उसके बाद इस टेस्ट करा सकते हैं. दूसरा टेस्ट सीबीसी यानी कंपलीट ब्लड टेस्ट है. जिसमें शरीर में आरबीसी और डब्ल्यूबीसी का पता चलता है कि इन दोनों सेल पर कोविड ने क्या असर डाला ये टेस्ट से पता चलेगा.
2-बीपी और शुगर टेस्ट
कई बार कोविड के दौरान शरीर में क्लॉटिंग हो जाती है और इनफ्लेमेशन बढ़ जाता है. इसलिए कोविड के बाद ब्लड प्रेशर का लेवल और शरीर में ग्लूकोज का लेवल जानना जरूरी है. अगर किसी को डायबिटीज है या फिर कोलेस्ट्रोल की प्रॉब्लम है तो कार्डिक कॉम्पलिकेशन हो सकते हैं. इसलिये ये दोनों टेस्ट जरूर कराएं.
3- चेस्ट सीटी स्कैन
कोरोना वायरस सबसे ज्यादा लंग्स को डैमेज करता है. हालांकि कोरोना के इंफेक्शन के दौरान भी डॉक्टर चेस्ट का सीटी स्कैन कराते हैं लेकिन ठीक होने के बाद भी लंग्स पर कितना असर है. इसके लिए सीटी स्कैन या लंग्स फंक्शन टेस्ट जरूर कराएं.
4-हार्ट इमेजिन और कार्डिक स्क्रीनिंग
कोरोना वायरस शरीर के रेस्पिरेटरी सिस्टम पर अटैक करता है और जिन लोगों को हार्ट से संबंधित कोई बीमारी है, उनको तो हार्ट के टेस्ट जरूर कराने चाहिए. कई बार कोरोना से ठीक होने के बाद भी लोगों को चेस्ट में दर्द की शिकायत रहती तो उनको भी डॉक्टर हार्ट के टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं.
5-न्यूरो फंक्शन टेस्ट
कोरोना होने पर मरीज का टेस्ट और स्मैल दोनों चले जाते हैं. हालांकि इंफेक्शन खत्म होने के बाद दोनों सेंस वापस आ जाते हैं लेकिन कई बार लोगों के महीने भर तक टेस्ट और स्मैल नहीं आते. इसके अलावा कोरोना होने पर डिजीनेस यानी हल्के चक्कर आने जैसी दिक्कत आती है. इसलिए कोरोना से सही होने पर न्यूरो फंक्शन टेस्ट कराना बेहतर है.
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