Smog Effect On Lungs: सावधान रहें, इन 5 राज्यों में सांसों का दुश्मन बन सकता है स्मॉग
जैसे-जैसे पराली जलाने की घटनाएं बढ़ रही हैं. स्मॉग की चादर भी आसमान में छाने लगी हैं. हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश समेत अन्य राज्यों के लोगों के लिए स्मॉग खतरा बनता जा रहा है.
Stubble Management: पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश समेत कई राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं जैसे-जैसे बढ़ती जा रही हैं. राज्य भी गैस चैंबर में तब्दील होने लगे हैं. मौजूदा समय में सबसे बुरा हाल दिल्ली का हो रहा है. यहां सुबह से लेकर शाम चारों तरपफ स्मॉग की चादर चढ़ी हुई है. पश्चिमी उत्तरप्रदेश में सुबह और शाम को कार्बन कणों की धुंध लोगों की सांस पर अटैक कर रही है. हरियाणा, पंजाब में भी हालात ठीक नहीं है. डॉक्टरों का कहना है कि मौजूदा समय में जो हालात बन रहे हैं. वह सांस संबंधी रोगी और सामान्य व्यक्ति के लिए भी ठीक नहीं है. इससे आने वाले दिनों में सांस के सीरियस पेशेंट की संख्या बढ़ेगी.
इन 5 राज्यों में होगा खतरा
दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) शुक्रवार सुबह 426 पहुंच गया. यह स्थिति गंभीर मानी जाती है. राज्यों में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश के कुछ हिस्से में पराली का प्रकोप झेलना पड़ सकता है.
ये दिख रहे SYMPTOMS
दिल्ली में रहने वाले लोग अस्पतालों में इलाज कराने जा रहे हैं. उनमें सांस संबंधी व अन्य लक्षण देखने को मिल रहे हैं. खांसी, नाक बंद, सांस लेने में कठिनाई होना, नाक का चलना, बलगम अधिक आना, आंखों से पानी निकलना, घरघराहट, अस्थमा का अटैक जैसे लक्षण मरीजों में देखने को मिल रहे हैं.
दिल्ली के अस्पतालों की OPD में बढ़े मरीज
दिल्ली के अलग अलग अस्पतालों की ओपीडी में सीओपीडी, सांस रोगी, ब्रोकाइंटिस व अन्य पेशेंट की संख्या बढ़ने लगी है. दिल्ली के डॉक्टरों का कहना है कि पहले जहां ओपीडी में 25 सेे 30 मरीज आ रहे थे. वहीं अब उनकी संख्या बढ़कर 60 से 70 तक पहुंच गई है. पहले जिन अस्पतालों में 100 मरीज पहुंच रहे थे. वहां आंकड़ा डबल यानि 200 तक पहुंच गया है.
मास्क पहने, जरूरी काम से ही बाहर निकलें
डॉक्टरों का कहना है कि मरीज मास्क पहनकर ही बाहर निकलें. इससे हवा में तैर रहे कार्बन के कण सांस की नली में नहीं पहुंचेंगे. एन 95 मास्क पहनने की कोशिश करें. इससे कार्बन के कण की सांस नली में जाने की संभावना बहुत कम होती है. घर के बाहर बहुत जरूरी काम से ही जाएं.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि और तरीकों को केवल सुझाव के रूप में लें. किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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