Dengue Fever : डेंगू एक बेहद खतरनाक वायरल बीमारी है, जिससे हर साल दुनियाभर में लाखों लोग प्रभावित होते हैं. भारत में डेंगू एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या बनता जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों में डेंगू के मामलों में तेजी से इजाफा हुआ है.कई राज्यों में डेंगू का प्रकोप देखने को मिल रहा है. यह मच्छर के काटने से फैलने वाला वायरस है. डेंगू के लक्षणों में आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, शरीर दर्द, चक्कर आना और त्वचा पर लाल चकत्ते शामिल हैं. लेकिन कई बार डेंगू बिना बुखार के भी हो सकता है. ऐसे में भी यदि शरीर में भारी दर्द, चक्कर आना, उल्टी-दस्त जैसे लक्षण महसूस हों, तो सतर्क हो जाना चाहिए. डेंगू बिना उपचार के जानलेवा साबित हो सकता है.
बुखार के बिना डेंगू की पहचान
- शरीर में दर्द - डेंगू में सिर, पीठ और हड्डियों में भारी दर्द होता है.
- चक्कर आना - बिना बुखार के भी चक्कर आना डेंगू का संकेत हो सकता है.
- उल्टी और दस्त - बुखार के बिना भी अचानक उल्टी-दस्त हो सकता है.
- त्वचा पर लाल चकत्ते - डेंगू में शरीर पर लाल रंग के चकत्ते निकलते हैं.
- आंखों में लाली और दर्द - आंखों का बहुत दर्द होना और लाली आना.
इन मामलों में बिना बुखार के भी डेंगू हो सकता है
- कभी-कभी डेंगू का बुखार बहुत कम ग्रेड का होता है जिसे मरीज बुखार समझ ही नहीं पाता.
- डेंगू के प्रारंभिक चरण में बुखार न होना। बाद में बुखार आ सकता है.
- कुछ लोगों की प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होती है जिनमें बुखार कम रहता है.
- कुछ लोगों को पहले डेंगू हुआ हो तो बुखार नहीं आता है.
- एंटीपायरेटिक दवाएं लेने से बुखार नियंत्रित रहता है.
- बुढ़ापे में प्रतिरक्षा कमजोर होने से बुखार कम होता है.
- इसलिए बुखार न होने के बावजूद भी डेंगू के लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.
डेंगू से बचाव
डेंगू से बचाव के लिए घर के आस-पास पानी जमाव न होने देना चाहिए. मच्छरदानी, रिपेलेंट क्रीम आदि का प्रयोग करना चाहिए. लक्षण दिखाई देने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. डेंगू को हल्के में नहीं लेना चाहिए.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.