सावधान रहें! नेल पॉलिश और शैंपू भी महिलाओं को डायबिटीज का शिकार बना सकता है, स्टडी में ये हुआ चौंकाने वाला खुलासा
नेलपॉलिश, शैंपू और अन्य उत्पादों का प्रयोग महिलाएं घरों में बड़े शौक से करती हैं. हाल में जो स्टडी हुई है. उसमें सामने आया है कि इनसे निकलने वाले रसायन से गंभीर नुकसान हो सकते हैं.
Beauty Products Benefit: नेलपॉजिश, शैंपू समेत अन्य कॉस्मेटिक्स उत्पाद आपने कभी न कभी घर में उपयोग किया होगा. लोग किसी पार्टी, फंक्शन में जाने या डेली रूटीन में भी इस तरह के उत्पाद का प्रयोग बड़े शौक से करते हैं. सभी इस तरह के उत्पादों का प्रयोग सुंदर, स्मार्ट दिखने के लिए करते है. लेकिन क्या कभी कोई सोच सकता है कि देश ही नहीं विदेश के घर घर में जगह बना चुके ये उत्पादन शरीर को बेशक आकर्षक बनाते हो, मगर स्वास्थ्य के लिए उतने ही खतरनाक हैं. हालिया स्टडी में इसको लेकर ऐसे ही चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं.
लिवर, किडनी, फेफड़ों को पहुंचा सकते हैं नुकसान
यदि नेल पॉलिश, शैंपू और सुगंध जैसे सौंदर्य उत्पादों का रेग्यूलर प्रयोग कर रहे हैं. तो इन उत्पादों में प्रयोग की जाने वाले कैमिकल सामग्री की भी जांच की जानी चाहिए. एक नए अध्ययन में पाया गया है कि हेयर स्प्रे और आफ्टरशेव सहित ऐसे उत्पादों में पाए जाने वाले जहरीले रसायन त्वचा से बॉडी के अंदर जा सकते हैं. इससे लिवर, किडनी, फेफड़े और अन्य अंगों को नुकसान गंभीर नुकसान हो सकता है.
जर्नल में पब्लिश हुई स्टडी
इसको लेकर हाल में स्टडी की गई. इसे एंडोक्राइन सोसाइटी के जर्नल ऑफ़ क्लिनिकल एंडोक्रिनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज़्म में प्रकाशित किया गया. स्टडी में सामने आया कि इन उत्पादों से निकलने वाले रसायन से महिलाओं में डायबिटीज की संभावना बढ़ने का खतरा बेहद अधिक रहता है. यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के पदाधिकारियों ने बताया कि शोध में पाया गया है कि Phthalates रसायन छह साल की अवधि में महिलाओं, विशेष रूप से श्वेत महिलाओं में डायबिटीज के खतरे को बढ़ा सकता है.
6 सालों में 1308 महिलाओं पर किया अध्ययन
शोधकर्ताओं ने छह वर्षों में 1,308 महिलाओं का अध्ययन किया. स्टडी में महिलाओं के स्वास्थ्य पर फोकस किया गया. यह देखा गया कि Phthalates नामक रसायन ने डायबिटीज बढ़ाने का काम किया है. लगभग 5 प्रतिशत महिलाएं पिछले 6 सालों में डायबिटीज का शिकार हो गईं. शोधकर्ताओं ने बताया कि वर्ष 2000 के शुरुआत में यूरिन के नमूने एकत्र किए गए. इन महिलाओं में यूएस में मध्यम आयु वर्ग की महिलाओं के समान यूरिन में थैलेट नामक रसायन अधिक देखने को मिला. जबकि अन्य महिलाओं में इसका खतरा थोड़ा कम देखने को मिला.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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