Belly Fat: लटकती हुई तोंद कई सारी बीमारियों की शुरुआत हो सकती है. यह ओवरऑल लुक को भी खराब करती है. आजकल पेट की चर्बी कम करने के लिए लोग हर रोज एक्सरसाइज, योग और भी कई तरह के एक्सरसाइज करते हैं. आज हम आपको इसे कम करने के लिए खास उपाय बताएंगे. जिसके जरिए आप इसे तुरंत कम कर सकते हैं.
आजकल हर कोई निकले हुए तोंद से परेशान हैं. बैली फैट कम करने के लिए लोग तरह-तरह का उपाय करते हैं. योग, डाइट, एक्सरसाइज के जरिए लोग इसे कम करने की कोशिश करते हैं. आज हम आपको बताएंगे खास उपाय जिसके जरिए आप 7 दिन के अंदर 6 योगासन के जरिए लटकती हुई तोंद को अंदर कर सकते हैं.
नौकासन
पेट पर फैट जमा हो रहे है तो नौकासन काफी ज्यादा फायदेमंग होता है. यह करने से बैली फैट कम होने लगते हैं. और शरीर में फैट बढ़ने लगता है. नौकासन एक्सरसाइज करने से इंसुलिन रेजिस्टेंस होता है. डायबिटीज से मुक्ति मिल जाएगी.
धनुरासन
धनुरासन एक्सरसाइज करना काफी ज्यादा टफ होता है. इसे करने से मांसपेशियां काफी ज्यादा मजबूत होती है. हड्डिय़ां लचीली होती है. साथ ही कमर में दर्द होने लगता है.
भुजंगासन
भुजंगासन करने से शरीर स्ट्रेच होता है. यदि किसी के कमर और कंधे में तेज दर्द है तो सबसे बेस्ट ऑप्शन है आप भुजंगासन करें. इसे करने से फैट करने में मदद मिलती है. यदि किसी का कंधा झुका हुआ है तो भुजंगासन करने से शरीर सुडौल बनाने में मदद मिलती है.
प्लैंक पोज या कुंभकासन
प्लैक पोज कुंभकासन भी कहते हैं. पेट की चर्बी कम करने के लिए प्लैक पोज का इस्तेमाल किया जाता है. पूरे शरीर के फैट को बर्न के लिए यह आसन बहुत अच्छा होता है. इसके कारण छाती और कंधे ठीक से काम करते हैं.
कपालभाति
कपालभाति पेट के फैट को कम करने का काम करती है. इसलिए यह काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. हार्ट के मरीजों के लिए कपालभाति काफी ज्यादा फायदेमंद होता है. कपालभाति करने से हार्ट और पेट के लिए बहुत अच्छा होता है. इससे पेट पर असर होता है और पेट की चर्बी कम होती है.
उष्ट्रासन
उष्ट्रासन के कारण पेट की मांसपेशियों में खिंचाव होने लगता है. जिसके कारण मसल्स सिकुड़ने लगता है और पेट कम होता है. लंबे समय तक एक जगह बैठकर काम करते हैं उनके लिए उष्ट्रासन बहुत अच्छा होता है. उष्ट्रासन करने से दर्द कम होता है. इससे छाती और कंधे का दर्द भी ठीक होता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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