ठंड के शुरुआती महीनों में ही बाजार में सेब बिकने लगते हैं. भारत के कई हिस्से में सेब की खेती की जाती है. भारत में सेब उत्पादन करने वाले राज्यों में जम्मू-कश्मीर पहले स्थान पर है. यहां हर साल करीब 1719.42 टन सेब का उत्पादन होता है, जो देश के कुल उत्पादन का 70.54% है. हिमाचल प्रदेश दूसरे और उत्तराखंड तीसरे स्थान पर हैं.


हिमाचल प्रदेश को 'सेब राज्य' भी कहा जाता है. यहां का पहाड़ी इलाका और मौसम सेब की खेती के लिए अच्छा माना जाता है. वहीं उत्तराखंड की ठंडी जलवायु भी सेब उगाने के लिए अच्छी माना जाती है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, नागालैंड, मेघालय, मणिपुर और तमिलनाडू में सेब की खेती की जाती है. लेकिन असम और जम्मू कश्मीर का सेब सबसे खास माना जाता है.  



सेब की किस्में और वैज्ञानिक नाम


सेब का वानस्पतिक नाम पाइरस मैलस है. इसके अलावा, मैलस प्यूमिला, मैलस डोमेस्टिका, मैलस सिल्वेस्ट्रिस, और मैलस कम्युनिस सेब के वैज्ञानिक नाम हैं. गुजरात में इसे सफरजन नाम से जाना जाता है. वहीं तमिलनाडू में सेब को सीमा रेगु के नाम से जाना जाता है. भारत में सेब की कई वैरायटी होती हैं, जिसमें से कशूर फराश, महाराजा, शिरीन दहन और अंबरी प्रमुख है.


सेब के पौधों को नवंबर से लेकर फरवरी के अंत तक लगाया जा सकता है, लेकिन इसे उगाने का सबसे अच्छा समय जनवरी और फरवरी का महीना होता है. सेब को कई तरह से खाया जाता हैं. कई लोग इसको कच्चा खाते हैं तो कई लोग इसका छिलका उतारकर खाते हैं, कुछ इसकी रेसीपी बनाकर खाते हैं. वहीं कई लोग इसे सुखा कर खाना पसंद करते हैं. 
 
सेब की भारत में ज्यादा डिमांड


भारत में सेब की डिमांड सबसे ज्यादा रहती है. भारत के अलावा पूरी दुनिया में सेब की डिमांड लगातार बढ़ ही रहा है. केंद्र सरकार की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में साल 2023-24 में  लगभग 5.1 टन सेब निर्यात किया गया. ये साल 2022-23 से 3.7 टन से अधिक था. इसका मतलब की लगभग 34 फीसद की बढ़ोतरी हुई है. भारत से सेब का आयात,  मुख्य रूप से ईरान, तुर्की , इटली, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और अमेरिका में होता है. साल 2023-24 में ईरान से सेब का आयात 1.37 टन था . साल 2022-23 से ये लगभग 71.77 फीसदी अधिक है. इस तरह तुर्की का आयात लगभग 9 फीसद बढ़कर 1.17 हो गया. साल 2022-23 में यह 1.07 लाख टन था.


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