नईदिल्ली: विंटर्स आते ही कभी गला खराब तो कभी कफ-कोल्ड की दिक्कत बढ़ने लगती है. ऐसे में याद आते हैं डॉक्टर्स. लेकिन कुछ बीमारियां ऐसी भी हैं जिसका इलाज खुद घर में भी किया जा सकता है. आज हम आपको ऐसे ही कुछ आसान तरीके बताने जा रहे हैं. चलिए जानते हैं बीमारी से लड़ने के लिए कुछ घरेलू नुस्खों के बारे में.
आज आचार्य बालकृष्णा जी तुलसी के बारे में बताने जा रहे हैं जो कई बीमारियों को दूर कर सकता है.
तुलसी का पौधा ऐसा पौधा है जो 24 घंटे हमें ऑक्सीजन देता है. इसलिए चारों तरफ तुलसी के पौधों को बढ़ाना चाहिए और रोगों से बचने का प्रयास करना चाहिए.
गले के लिए तुलसी
जब आपका गला बिल्कुल बैठ गया है, आवाज खराब हो गई है, बोलने में दिक्कत हो रही है, उस समय आप तुलसी के दो-चार पत्तियों के साथ काली मिर्च और मिश्री लेकर मुंह में रखकर चूसते रहें. इससे गले की परेशानी में लाभ होगा और आवाज भी ठीक होगी.
कान की समस्याओं के लिए तुलसी
यदि कान में दर्द हो या पस पड़ गई हो तो भी तुलसी का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके लिए तुलसी का रस निकालकर 4-4 बूंदें कान में डालें. इससे कान में दर्द या कान की किसी भी समस्या से आराम मिलेगा.
कान की अन्य समस्याओं के लिए 50 ग्राम तिल के तेल में 20-25 ग्राम तुलसी की पत्तियों को धीमी आंच पर पकाएं. जब ये पक जाएं तो उसे छानकर रख लें. तेल ठंडा होने पर कान में डालें. इससे कान की हर समस्या हल होगी.
बुखार में तुलसी
किसी भी तरह का बुखार हो फिर चाहे वो मलेरिया हो या कुछ और. बार-बार प्यास लग रही हो. बुखार में आप बेशक अन्य दवाएं भी ले रहे हों लेकिन आप तुलसी को उबालकर तुलसी के काढ़े में थोड़ी मिश्री मिलाकर के उस पानी को पीते रहें. इससे तुरंत बुखार में आराम मिलेगा. इससे बुखार उतरने लगता है और बुखार के बाद आने वाली कमजोरी भी नहीं होती.
बुखार में कमजोरी हो तो तुलसी की पत्तियों का पानी में उबालकर थोड़ी मिश्री मिलाकर या शहद मिलाकर आप ले सकते हैं. इससे आपको एकदम एनर्जी मिलेगी. इससे शरीर की कमजोरी भी दूर हो जाएगी. डायबिटीज के पेशेंट पानी में मिश्री ना मिलाएं.
कान दर्द और बुखार से लेकर गला तक ठीक कर सकती है तुलसी की छोटी सी पत्ती!
ABP News Bureau
Updated at:
09 Dec 2016 01:55 PM (IST)
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