सालों से हल्दी का इस्तेमाल भारतीय किचन में किया जा रहा है. इसका इस्तेमाल भारत के हर किचन में होता है. हल्दी की सबसे खास बात यह है कि यह खाना बनाने से लेकर कई सारी शारीरिक समस्याओं से निजात दिलाने में भी कारगर है. कई सारे स्किन प्रोडक्ट्स ऐसे हैं जिसमें हल्दी का इस्तेमाल किया जाता है. हल्दी में एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-बैक्टीरियल तत्व होते हैं. 


कई सारी बीमारियों की रोकथाम में कारगर है हल्दी


यह इम्युनिटी मजबूत करने के साथ-साथ कई सारी वायरल बीमारियों के खतरे को भी दूर करता है. हल्दी में  करक्यूमिन पाया जाता है जो शरीर के सूजन को कम करता है और शरीर को स्वस्थ्य रखता है. हल्दी महिलाओं के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद माना जाता है. रोजाना इसे गुनगुने पानी में डालकर पीने से पीरियड्स संबंधी समस्याएं, पीसीओएस.पीसीओडी, हार्मोनल इनबैलेंस की समस्याओं को कंट्रोल करने में मदद मिलती है. हल्दी को डाइट में शामिल करने से महिलाओं में एंड्रोजन का लेवल भी कंट्रोल में रहता है. 


पीरियड्स के दर्द में राहत


अगर आपको पीरियड्स में दर्द या ऐंठन, कमजोरी होती है तो आपको रोजाना हल्दी पीना चाहिए या डाइट में हल्दी की मात्रा बढ़ानी चाहिए. इससे महिलाओं को पीरियड्स में सूजन नहीं होती है. 


नोपॉज के लक्षण भी कम होते हैं


हल्दी खाने से मेनोपॉज के लक्षण भी कम होते हैं. मेनोपॉज शुरू होने से पहले महिलाओं के शरीर में कई लक्षण दिखाई देते हैं जैसे मूड स्विंग्स, स्ट्रेस, घुटनों में दर्द जैसी समस्या. हल्दी खाने से इन सभी समस्याओं से निजात मिल जाता है. रात में पसीने आने की समस्या से भी छुटकारा मिल जाता है. 


थायरॉइड की प्रॉब्लम


थायरॉइड ऑटोइम्यून की स्थिति है. यह किसी भी महिला को हो सकती है. थायरॉइड को कंट्रोल में रखना है तो खानपान और लाइफस्टाइल को कंट्रोल में रखना होगा. इससे इम्युनिटी मजबूत होती है. 


फर्टिलिटी को सुधार


जो महिलाएं अपनी फर्टिलिटी रेट सुधारना चाहती हैं उन्हें तो जरूर हल्दी खानी चाहिए. हल्दी में ऑक्सीडेटिव गुण होते हैं जो स्ट्रेस को कम करते हैं. साथ ही एग को डैमेज होने से बचाते हैं. हल्दी की तासीर गर्म होती है. यह महिलाओं के पेल्विक एरिया में ब्लड के फ्लो को बढ़ाती है.


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.