बेंगलुरु के डॉक्टरों ने 74 वर्षीय अफगानी मरीज का जटिल इलाज करने में सफलता पाई है. उसमें किडनी में ट्यूमर के साथ एसोफेगस के दूसरे चरण का कैंसर यानी भोजन नली के कैंसर की पहचान हुई थी. हालांकि एसोफेगस के कैंसर सामान्य हैं, लेकिन फोर्टिस अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि मेडिकल इतिहास में डबल कैंसर का मामला शायद ही कभी दर्ज किया गया है. मरीज सात महीने से खाना निगलने में अक्षम था. उसके पेट में पाइप दाखिल कर भोजन पहुंचाया जा रहा था.


डॉक्टरों ने डबल कैंसर का किया सफल इलाज


मरीज को कीमोथेरेपी के साथ तत्काल सर्जरी करने की जरूरत थी. डॉक्टरों की टीम ने उसकी अधिक उम्र और सर्जरी करने की प्रक्रिया में शामिल जोखिम कारकों को देखा. उसके बाद एक साथ दोनों कैंसर का इलाज करने के लिए एक ही एनेस्थीसिया देने का फैसला किया. फोर्टिस कैंसर इंस्टीट्यूट ने बयान में कहा, "एसोफेगस कैंसर के मरीजों के लिए कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी सर्जरी से पहले महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं. कैंसर का फैलाव और बीमारी को रोकने के लिए शुरुआती इलाज के तौर पर हमने कीमोरेडिएशन का विकल्प अपनाया. एक सर्जरी की तुलना में कीमोरेडिएशन बेहतर परीक्षण ​​​​परिणामों के साथ जीवित रहने की दर को भी सुधारती है.


74 वर्षीय अफगानी बुजुर्ग रोगी में हुई थी पहचान


कीमोरेडिएशन थेरेपी पूरा होने के बाद आगे उसकी जरूरत रोबोटिक ओसोफेगोस्टॉमी के लिए समझा गया, लेकिन जैसा कि उसके अंदर किडनी के ट्यूमर का पता चला था, इसलिए उस पर रोबोट समर्थित आंशिक नेफरेक्टोमी एक ही समय में किया गया." ओसोफेगोस्टॉमी के जरिए डॉक्टरों ने पेट के ऊपरी हिस्से के साथ एसोफेगस का ट्यूमर, शरीर में कैंसर के फैलाव की रोकथाम के लिए लिम्फ नोड्स यानी शरीर में गांठ हटाई. अस्पताल ने बयान में बताया कि आम तौर से इस तरह की प्रक्रियाओं में मरीज को सांस की दिक्कत की संभावना होती है, लेकिन उस पर रोबोट समर्थित प्रक्रिया को किया गया था, इसलिए सर्जरी के बाद की जटिलताएं कम हो गईं. मरीज अब भोजन को बिना किसी परेशानी के निगलने में सक्षम है.


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