नयी दिल्लीः डॉक्टर्स की मानें तो तेल के बारे में चाहे कितने भी दावे किए जाएं लेकिन सभी में वसा होती है और सभी के अपने नुकसान हैं.


भारत के हृदयरोग विशेषज्ञों में से एक डॉ. देवी शेट्टी अपने लेख ‘डाइट कम्स फर्स्ट इन मैटर्स ऑफ दी हार्ट’ में कहती हैं कि जब बीज में से तेल निकालना ही प्रकृति के विरुद्ध है तो तेल दिल के लिए अच्छा कैसे हो सकता है.


फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल में हृदयरोग कंसल्टेंट डॉ. अमित कुमार कहते हैं, ‘तेलों में मोनो सेच्युरेटेड फैटी एसिड (मूफा) और पॉली सेच्युरेटेड फैटी एसिड (पूफा) अलग-अलग मात्रा में होता है. वर्तमान में हमें जो जानकारी है उसके मुताबिक मूफा दिल के लिए अच्छा है. इसलिए जिन तेलों में मूफा की मात्रा अधिक होती है वह तेल बेहतर होते हैं. इसीलिए जैतून, सरसों, सोयाबीन, राइस ब्रान तेल, कनोला (राई) तेल और मूंगफली का तेल दिल के लिए बेहतर है.’ डॉक्टहर्स कहते हैं कि अलग-अलग तेल का भिन्न तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए.


इम्पीरियल होटल के शेफ प्रेम के पोगुला ने कहा कि तलने के लिए मूंगफली के तेल का इस्तेमाल करें. कॉलेस्ट्रॉल की समस्या है तो प्लांट ऑयल का इस्तेमाल करना चाहिए क्योंकि उनमें कोलेस्ट्रॉल नहीं होता. पौधे से निकलने वाले तेल हैं बादाम तेल, एवेकाडो सीड ऑइल, अलसी का तेल और नारियल तेल.


नोट: ये एक्सपर्ट के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें.