कहते हैं कि अगर मां की पेल्विक हेल्थ अच्छी होती है, तो बच्चा भी हेल्दी पैदा होता है. पेल्विक हेल्थ का मतलब है मां के शरीर का वो हिस्सा जो गर्भावस्था और डिलीवरी में मदद करता है. अगर ये हिस्सा मजबूत और स्वस्थ हो, तो बच्चे का विकास भी अच्छा होता है और डिलीवरी में भी कम दिक्कतें आती हैं. आइए हम समझेंगे कि पेल्विक हेल्थ बच्चे की हेल्थ पर कैसे असर डालती है और इसे बेहतर बनाने के आसान तरीके क्या हैं.

 

पेल्विक हेल्थ क्या है?
पेल्विक हेल्थ महिलाओं के शरीर के उस हिस्से से जुड़ी होती है जो गर्भावस्था और डिलीवरी के दौरान सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होता है. इसमें मांसपेशियां, हड्डियां, और लिगामेंट्स शामिल होते हैं जो गर्भाशय, ब्लैडर और अन्य अंगों को सहारा देते हैं. अगर पेल्विक हेल्थ कमजोर हो, तो इससे गर्भावस्था और डिलीवरी में समस्याएं आ सकती हैं. 


पेल्विक हेल्थ का बच्चे की हेल्थ पर असर
जब मां की पेल्विक हेल्थ अच्छी होती है, तो गर्भाशय और दूसरे अंग सही जगह पर रहते हैं और बेहतर तरीके से काम करते हैं. इससे गर्भ में बच्चे का विकास ठीक से होता है और डिलीवरी भी आसानी से हो सकती है. अगर पेल्विक हेल्थ कमजोर होती है, तो डिलीवरी के समय जटिलताएं हो सकती हैं, जिससे बच्चे की हेल्थ पर असर पड़ सकता है. 


पेल्विक हेल्थ कैसे सुधारें?
पेल्विक हेल्थ को बेहतर बनाने के लिए रोजाना रूप से एक्सरसाइज करना जरूरी है. खासतौर से "कीगल एक्सरसाइज" पेल्विक मांसपेशियों को मजबूत बनाने में मदद करती हैं. इसके अलावा, संतुलित डाइट और सही वजन बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है. गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर से नियमित चेकअप करवाना भी पेल्विक हेल्थ के लिए फायदेमंद होता है. 


सच क्या है?
सच तो यह है कि पेल्विक हेल्थ का बच्चे की सेहत पर बड़ा असर हो सकता है, लेकिन यह अकेला कारण नहीं है. मां की पूरी सेहत, उसका आहार, उसकी लाइफस्टाइल और उसके मानसिक स्वास्थ्य का भी बच्चे पर प्रभाव पड़ता है. इसलिए, पेल्विक हेल्थ के साथ-साथ पूरी सेहत पर ध्यान देना जरूरी है. इसलिए, अगर आप एक हेल्दी बच्चा चाहती हैं, तो अपनी पेल्विक हेल्थ का ख्याल रखें, लेकिन साथ ही अपने शरीर और मन की भी देखभाल करें.


जानें एक्सरसाइज कैसे करें?
पेल्विक हेल्थ को स्वस्थ रखने के लिए कुछ आसान एक्सरसाइज हैं जो आप रोज कर सकती हैं. कीगल एक्सरसाइज सबसे अच्छी होती है। इसमें आपको वैसे ही करना है जैसे आप पेशाब रोक रही हों। कुछ सेकंड के लिए मांसपेशियों को कसकर रखें, फिर छोड़ दें. 




Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.



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