बूस्टर डोज के तौर पर नेजल वैक्सीन की तैयारी-भारत बायोटेक
भारत बायोटेक नेजल वैक्सीन के बाद कोवैक्सीन के मिश्रण पर काम कर रही है. कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा है कि ये बूस्टर डोज के तौर पर काम कर सकती है और संक्रमित होने से लोगों को बचा सकती है.
टीकाकरण के सिलसिले में भारत बायोटेक के योगदान और प्रयासों पर बात करते हुए मैनेजिंग डायरेक्टर कृष्णा इला ने कहा है कि कोवैक्सीन के अलावा, कंपनी ने कोविड-19 के खिलाफ इंट्राजेनल वैक्सीन BBV154 भी विकसित की है. उन्होंने कहा "नेजल वैक्सीन के बाद हम कोवैक्सीन के मिश्रण पर काम कर रहे हैं, ताकि कोवैक्सीन तीन इन्यून रिस्पॉन्स पैदा कर सके."
बूस्टर डोज के तौर पर नेजल वैक्सीन की तैयारी-भारत बायोटेक
उन्होंने बताया कि सभी तीनों इम्यूनिटी शक्तिशाली हैं और संक्रमित होने से बचा सकती हैं. इला ने कहा, "अगले दो महीनों में हमारे पास बहुत ज्यादा डेटा हो सकता है. इसलिए, हम न सिर्फ इस पर काम कर रहे हैं बल्कि कोवैक्सीन की बूस्टर खुराक पर भी." ये पूछे जाने पर कि देर तक इम्यून रिस्पॉन्स बढ़ाने के लिए तीसरी डोज की क्या जरूरत होगी, उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया और कहा, "हां, हम सरकार को डेटा देंगे, नियामक एजेंसियों के साथ फैसला लेना सरकार का काम है. अगर नेजल वैक्सीन ठीक से काम करती है, तो हमारी उत्पादन क्षमता दोगुनी हो जाएगी और हम इसकी उम्मीद कर रहे हैं."
इंट्राजेनल वैक्सीन BBV154 को मानव परीक्षण की मंजूरी
वर्तमान में भारत बायोटेक प्रति महीने कोवैक्सीन की करीब 2 करोड़ से ढाई करोड़ डोज आपूर्ति कर रही है, जिसे अगले कुछ महीनों में लगभग 5 करोड़ 80 लाख डोज बढ़ने का अनुमान है. बायोटेक्नोलॉजी विभाग ने शुक्रवार को कहा है कि कोविड-19 के खिलाफ भारत बायोटेक की विकसित पहली नेजल वैक्सीन को दूसरे चरण का मानव परीक्षण करने की नियामक मंजूरी मिल गई है. डीबीटी ने एक बयान में बताया, "भारत बायोटेक की इंट्रानेजल वैक्सीन BBV154 दूसरे चरण के लिए मानव परीक्षण की नियामक मंजूरी प्राप्त करनेवाली पहली नेजल वैक्सीन बन गई है.
उसके मुताबिक, पहले चरण का मानव परीक्षण 18 से 60 वर्ष के आयु ग्रुप पर पूरा हो गया है. भारत बायोटेक की इंट्रानेजल वैक्सीन के विकास को बायोटेक्नोलॉजी विभाग और बायोटेक्नेलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल ने समर्थन दिया है. डीबीटी के सचिव डॉक्टर रेणु स्वरूप ने कहा, "कोविड सुरक्षा मिशन के तहत विभाग सुरक्षित और प्रभावी कोविड-19 के विकास के लिए समर्पित है. भारत बायोटेक की BBV154 वैक्सीन पहली इंट्रानेजल वैक्सीन है जो अंतिम चरण के मानव परीक्षण में दाखिल हो रही है."
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