वैज्ञानिकों ने माना है कि रेडियोथेरेपी से पहले सस्ती दवाओं के इस्तेमाल से भी सर्वाइल कैंसर को एक हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. साइंटिस्ट को यह सफलता 20 सालों के रिसर्च के बाद मिली है. 'ईएसएमओ मेडिकल कॉन्फ्रेंस' के रिसर्च के मुताबिक महिलाओं में बीमारी से मरने या कैंसर के दोबारा लौटने का जोखिम 35 प्रतिशत कम हो जाता है. यह रिसर्च यूके के कैंसर रिसर्च में किया गया है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि ब्रिटेन में सर्वाइकल कैंसर हर साल हजारों महिलाओं को अपना शिकार बनाती है. जिनकी उम्र 30 के आसपास की होती है. सर्वाइकल के मरीजों को रेडियोथेरेपी दिए जाने के बाद कैंसर दोबारा हो जाता है.
आने वाले समय में कैंसर के इलाज में यह पद्धति काम में आएगी
कैंसर रिसर्च यूके के डॉ. इयान फॉल्क्स ने कहा जब आप कैंसर का इलाज कर रहे हों तो समय ही सब कुछ है. इसका मतलब यह है कि इलाज में काफी समय भी लग सकता है. हाल के कुछ सालों में कैंसर में सर्जरी और रेडियोथेरेपी जैसे अन्य उपचारों से पहले कीमोथेरेपी के अतिरिक्त दौर के महत्व को दिखा रहे हैं.यह न केवल कैंसर के वापस आने की संभावना को कम कर सकता है, बल्कि दुनिया भर में पहले से ही उपलब्ध दवाओं का उपयोग करके इसे जल्दी से कंट्रोल में किया जा सकता है.हम इस बात से उत्साहित हैं कि यह परीक्षण सर्वाइकल कैंसर के इलाज में सुधार ला सकता है और आशा करते हैं कि क्लिनिक में इंडक्शन कीमोथेरेपी के छोटे कोर्स तेजी से अपनाए जाएंगे.
कार्बोप्लाटिन और पैक्लिटैक्सेल कीमोथेरेपी का एक कोर्स है
सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित 250 महिलाओं को नया उपचार मिला है. कार्बोप्लाटिन और पैक्लिटैक्सेल कीमोथेरेपी का छह सप्ताह का गहन कोर्स, इसके बाद रेडियोथेरेपी के साथ-साथ साप्ताहिक सिस्प्लैटिन और ब्रैकीथेरेपी का "सामान्य" उपचार, जिसे केमोराडिएशन के रूप में जाना जाता है.पांच साल बाद, जिन लोगों को नया उपचार मिला था, उनमें से 80% जीवित थे और 73% ने अपने कैंसर को वापस लौटते या फैलते नहीं देखा था. 72% जीवित थे और 64% ने अपने कैंसर को वापस आते देखा था.
यूसीएल कैंसर इंस्टीट्यूट और यूसीएलएच के परीक्षण के प्रमुख अन्वेषक डॉ मैरी मैककॉर्मैक ने कहा मारे परीक्षण से पता चलता है कि मानक सीआरटी से तुरंत पहले दिए गए अतिरिक्त कीमोथेरेपी का यह छोटा कोर्स कैंसर के दोबारा लौटने या मृत्यु के जोखिम को 35% तक कम कर सकता है. 20 सालों इस बीमारी के परिणाम में सबसे बड़ा सुधार है.यहां महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि मरीज जीवित हैं और ठीक हैं, पांच साल तक कैंसर दोबारा नहीं होता है, तो उनके ठीक होने की बहुत संभावना है, इसलिए यही इसे बहुत रोमांचक बनाता है.
हालांकि, वे सावधान करते हैं कि सर्वाइकल कैंसर से पीड़ित हर महिला को उपचार से समान लाभकारी परिणाम नहीं मिल सकते हैं.अध्ययन में शामिल कई महिलाओं में कैंसर था जो अभी तक शरीर में कहीं और फैलना शुरू नहीं हुआ था.यह स्पष्ट नहीं है कि यह थेरेपी अधिक उन्नत बीमारी वाली महिलाओं के लिए कितनी अच्छी तरह काम करेगी.दवाएं अवांछित दुष्प्रभाव भी पैदा कर सकती हैं, जिनमें बीमारी या मतली और बालों का झड़ना शामिल है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.