मुजफ्फरपुर:  बिहार के मुजफ्फरपुर में पिछले दो सालों में सैंकड़ों बच्चों की रहस्यमय मौतों का खुलासा हो गया है. बच्चों की मौतें ‘चमकी नाम’ से कुख्यात एक बीमारी की वजह से हुई हैं. भारत-अमरीका के वैज्ञानिकों की संयुक्त रिसर्च से पता चला है कि खाली पेट ज्यादा लीची खाने के कारण बच्चें बीमारी का शिकार हुए और बाद में उनकी मौत हो गई.


1995 में पहली बार सामने आए मामलों के बाद साल 2014 तक हर साल लीची खाने की वजह से 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हुई. साल 2014 में मुजफ्फरपुर स्थित मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराए गए 350 में से 122 बच्चों की मौत हो गई थी.


सीएनएन के मुताबिक, साल 2013 से मामले की जांच कर रहे राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र और अमेरिकी रोग नियंत्रण और निषेध सेंटर की संयुक्त जांच में पता चला है कि लीची में मौजूद केमिकल की वजह से बच्चों की मौत हो रही थी.


रिसर्च में सामने आया कि बच्चों ने सुबह खाली पेट ज्यादा मात्रा में लीटी खा लीं और शाम को खाना नहीं खाया. जिसकी वजह से बच्चों में यह बीमारी फैल गई.


शोधकर्ताओं का कहना है कि रात को खाना न खाने के कारण शरीर में हाइपोग्लाइसेमिया या लो ब्लड शुगर की प्रॉब्लम हो जाती है. खासकर उन बच्चों में जिनके लिवर और मसल्स में ग्लाइकोजन-ग्लूकोज को स्टोर करने की क्षमता सीमित होती है. जिसके कारण शरीर में एनर्जी पैदा करने वाले फैटी एसिड और ग्लूकोज का ऑक्सीकरण हो जाता है.