बर्ड फ्लू को एवियन इन्फ्लुएन्जा के नाम से जाना जाता है. बर्ड फ्लू की बीमारी पक्षियों से इंसानों में फैल सकती है. एवियन इन्फ्लुएन्जा की सबसे आम शक्ल H5N1 है. किसी संक्रमित पक्षी के लार, बलगम और मल के सीधे संपर्क में आने से संक्रमण इंसानों में फैल सकता है. संक्रमित कच्ची पॉल्ट्री या अंडे का सेवन भी बीमारी फैल सकती है. समय पर संक्रमण का इलाज न कराने से बर्ड फ्लू खतरनाक हो सकता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, H5N1 का पहला मामला 1997 में हॉन्ग कॉन्ग में उजागर हुआ था. बर्ड फ्लू का लक्षण मामूली से गंभीर हो सकता है. आपको जानना चाहिए बीमारी के क्या हैं लक्षण और संकेत
बर्ड फ्लू के लक्षण और संकेत
बर्ड फ्लू के लक्षण मौसमी फ्लू की तरह होते हैं. प्रमुख लक्षणों में बुखार, गले की सूजन, खांसी, सिर दर्द, डायरिया, थकान, सांस लेने में तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द, शरीर में दर्द, नाक का बहना, आंखों का लाल हो जाना, उल्टी और मतली शामिल हैं. बीमारी से संक्रमित होने के बाद आपमें लक्षण जाहिर होने में दो से सात दिनों का समय लग सकता है. सेंटर फोर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, H7N9 और H5N1 वायरस दुनिया भर में अब तक अधिकांश मानव बीमारी के जिम्मेदार रहे हैं. उसमें सबसे गंभीर बीमारी और ऊंची मृत्यु दर भी शामिल है.
बीमारी से खतरा किसे है?
किसी शख्स की आंख, नाक, मुंह या सांस के जरिए शरीर में वायरस के घुसने से कोई शख्स संक्रमित हो सकता है. ऐसा उस वक्त भी हो सकता है जब वायरस बूंदों या धूल की शक्ल में वातावरण में मौजूद हो. दूषित सतहों के छूने से भी बीमारी फैल सकती है. सबसे ज्यादा बीमारी का खतरा पॉल्ट्री फॉर्म के आसपास काम करनेवाले लोगों को है. संक्रिमत इलाकों में जाना, संक्रमित पक्षियों के पास आना, कच्चा अंडा या पॉल्ट्री का खाना या किसी संक्रमित शख्स के सीधे संपर्क में आने से भी आपको बीमारी का जोखिम हो सकता है.
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