अभी तक गर्भ निरोध की जिम्मेदारी औरतों पर डाल दी जाती थी. मर्द अगर गर्भ रोकने के उपाय करने में विफल रहे तो औरतों से उम्मीद की जाती थी. लेकिन अब मर्द के लिए भी सहयोगी बनने का रास्ता साफ होता हुआ नजर आ रहा है. भारत में जल्द ही मर्दों के लिए गर्भ निरोधक टीके मुहैया हो सकते हैं. इसे तैयार किया है दिल्ली के शोधकर्ताओं ने. शोधकर्ताओं का दावा है कि एक बार टीके लगवाने के बाद ये 13 साल तक प्रभावी रहेंगे. टीके को लोकल एनस्थीसिया की डोज के साथ पेट और जांघ के बीच के हिस्से में लगा जाता है. टीके को लगाने के बाद पुरुषों को नसबंदी नहीं करानी पड़ेगी.


क्लीनिकल ट्रायल में नहीं मिला साइड इफेक्ट


इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक, “मर्दों के लिए बनाया गया ये टीका विश्वस्तरीय सुरक्षित, प्रभावकारी और लंबे समय तक उपयोगी साबित होगा.” इससे पहले इसका प्रयोग 300 मरीजों पर किया गया. तीन राउंड तक चले क्लीनिक ट्रायल में साइड इफेक्ट नजर नहीं आया.


आईसीएमआर के सीनियर वैज्ञानिक डॉ आर एस शर्मा ने कहा, ''हमारा प्रॉडक्ट तैयार है और सरकार से मंजूरी मिलने की देरी है.'' उन्होंने बताया कि क्लीनिकल ट्रायल में शामिल मरीजों पर सफलता का प्रतिशत दर 97.3 रहा. ये टीका दुनिया का पहला पुरुष गर्भनिरोधक कहा जा सकता है. दावा किया जा रहा है कि टीके का दाम कम रखा गया है और गर्भ को रोकने के लिए ज्यादा समय तक उपयोगी साबित होगा. कई सालों के क्लीनिकल ट्रायल के बाद अब ये टीका मार्केट में बिकने को तैयार है.


गौरतलब है कि अभी तक महिलाओं को गर्भनिरोध के लिए गोली, कॉन्ट्रैसेप्टिव रिंग, आईयूडी यानी इंट्रायूट्राइन डिवाइस लगवाना, या फिर इमरजेंसी कॉन्ट्रसेप्टिव गोली का इस्तेमाल किया जाता है जबकि मर्दों के लिए कंडोम होता है.