Kala Chana Vs Kabuli Chana: सेहत और चने का बहुत करीब का रिश्ता है, क्योंकि बरसों से चने के सेवन से सेहत को कई लाभ मिलते चले आ रहे हैं. वैसे तो कई तरह के चने होते हैं लेकिन दो तरह के चने एक काबुली चना और दूसरा काला चना...इन दोनों का इस्तेमाल काफी ज्यादा होता है. ये दोनों ही चने पोषक तत्व से भरपूर होते हैं. इनका इस्तेमाल भी अपने-अपने हिसाब से किया जाता है. लेकिन अक्सर मन में सवाल उठता है कि आखिर दोनों चने में से कौन सा चना सेहत को सबसे ज्यादा फायदा पहुंचाता है. जानेंगे इस बारे में विस्तार से


काले चने से मिलने वाले फायदे


पाचन दुरुस्त करे-काले चने खाने से पाचन स्वास्थ्य बनाए रखने में मदद मिलती है. एनसीबीआई की रिपोर्ट के मुताबिक काले चने में फाइबर मौजूद होता है जो पाचन स्वास्थ्य को बढ़ावा देने का काम करता है साथ ही मल त्याग की प्रक्रिया को आसान बनाने में सहायक है.


आयरन की कमी दूर करे-वहीं काला चना आयरन का अच्छा स्रोत माना जाता है ऐसे में आयरन की कमी को पूरा करने के लिए काला चना खा सकते हैं. एनीमिया से ग्रस्त लोगों के लिए ये लाभकारी साबित हो सकता है. 


वजन घटाने में मददगार-काले चने के सेवन से आप वजन भी घटा सकते हैं.दरअसल इसमें फाइबर की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिसकी वजह से ये लंबे समय तक आप को भरा हुआ महसूस कराता है और खाने की क्रेविंग नहीं होती है.इसके अलावा इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है. इस कारण यह मोटापे के जोखिम को कम करने के साथ ही पूरे शरीर के वजन को भी कम करने में मदद करता है.


डायबिटीज-डायबिटीज के मरीजों के लिए काला चना बहुत ही फायदेमंद है. ये ब्लड शुगर को कंट्रोल में रख सकता है. एक स्टडी के मुताबिक काले चने में स्टार्च के साथ-साथ एमिलोज नाम का एक खास तत्व पाया जाता है, जो खून में शुगर की मिलने की प्रक्रिया को धीमा कर सकता है. यह कुछ हद तक इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाने का काम करता है.


सफेद चने से मिलने वाले फायदे


सफेद चना यानी कि काबुली चना भी प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है.ये भी वजन घटाने में सहायक है. इसके अलावा काबुली चने में मौजूद गुण ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने का काम करते हैं. सफेद चने से आप का पाचन तंत्र भी दुरुस्त हो सकता है. आप इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम से बचने के लिए सफेद चने को डाइट में शामिल कर सकते हैं. हड्डियों की मजबूती के लिए सफेद चना फायदेमंद है. वहीं ये फ्री रेडिकल्स को भी दूर करता है. भुना हुआ काबुली चना थायमीन, मैग्नीशियम, फास्फोरस जैसे अन्य हेल्दी आवश्यक पोषक तत्वों के साथ-साथ ट्रेस मिनरल मैंगनीज का एक अद्भुत स्रोत है. यह सभी एनर्जी के उत्पादन के साथ-साथ आपकी इम्यूनिटी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.


पोषक तत्वों के मामले में किसमें कितना है दम


लगभग 100 ग्राम काले चने में मौजूद पोषक तत्वों की मात्रा सफेद चने से अलग होती है. 100 ग्राम सफेद चने में 12 ग्राम फाइबर की मात्रा होती है, वहीं काले चने में 18 ग्राम के आसपास होती है. प्रोटीन में काले चने की मात्रा 25 ग्राम के आसपास होती है. वहीं सफेद चने में 20 ग्राम के आस पास प्रोटीन पाया जाता है.काबुली चने में 2.76 मिलीग्राम जिंक होता है और काले चने में 3.35 मिलीग्राम जिंक होता है.अन्य पोषक तत्व भी काले चने में सफेद चने के मुकाबले ज्यादा होते हैं.  पोषक तत्वों के आधार पर बात करें तो काले चने का सेवन ज्यादा फायदेमंद है.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.