Coronavirus Cases in India: भारत में ओमिक्रोन के केस निकलने के साथ ही लोगों को म्यूकर माइकोसिस यानी ब्लैक फंगस का भय सताने लगा है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कई लोगों में ब्लैक फंगस के लक्षण देखने को मिले थे जिसके चलते काफी लोगों की जान चली गई थी. यह बीमारी शरीर में नाक, साइनस और फेफड़े पर हमला करता है.


ब्लैक फंगस म्यूकर माइकोसिस ब्लाइंडनेस (अंधापन), ऑर्गेन डिसफंक्शन, ऊतकों को नुकसान पहुंचाने का कारण बनता है, जिससे चलते इससे मौत होने का भी खतरा बढ़ता है. इससे बचाव के लिए समय पर इलाज करवाना जरूरी होता है. हाल ही में ब्लैक फंगस का पहला मामला मुंबई में दर्ज किया गया है.


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एक 70 वर्षीय महिला की 5 जनवरी को रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आई थी, जिसके चलते उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां 12 जनवरी को महिला में ब्लैक फंगस के लक्षण देखने को मिले थे. इस दौरान मरीज का शुगर लेवल 532 के ऊपर चला गया था. जिसे तुरंत डायबिटिक कीटोएसिडोसिस ट्रीटमेंट पर रखा गया.


ये होते हैं लक्षण


म्यूकर माइकोसिस के लक्षण होने पर नाक का बंद होना या फिर नाक बहने की समस्या होना, गाल की हड्डी में दर्द, चेहरे के एक हिस्से में दर्द, सुन्नपन या सूजन रहना, इसमें नाक के ब्रिज काले पड़ जाते हैं. इसके अलावा दर्द से साथ ब्लर या डबल विजन की समस्या होना भी शामिल है.


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बता दें कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान काफी लोगों को इस बीमारी का सामना करना पड़ा था. जिसमें हाई ब्लड शुगर और लंबे वक्त तक स्टेरॉयड वाले मरीजों में इसके लक्षण ज्यादा दिखे थे. इसके अलावा कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए काफी खतरा बना था.


Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.