Black Vs Green Vs White Tea: काली, सफेद या ग्रीन..कौन सी चाय सेहत के लिए सबसे फायदेमंद है
काली , सफेद औऱ ग्रीन टी..इनमें से कौन सबसे से ज्यादा सेहत के लिए फायदेमंद है जानिए एक्सपर्ट से
Black Vs Green Vs White Tea: चाय एक ऐसा ड्रिंक जिसे सभी लोग पसंद करते हैं. कुछ लोग तो बिना चाय के सरवाइव भी नहीं कर सकते. बाजार में चाय की कई सारी वैरायटी मौजूद है. माचा से लेकर दार्जिलिंग चाय, सब एक से बढ़कर एक है हालांकि इन चायों को तीन श्रेणियों में बांटा जा सकता है. काला, हरा और सफेद ..ये तीनों के अपने ही अपने फायदे हैं आइए जानते हैं इनसे मिलने वाले सेहत के फायदे के बारे में
काली चाय और उसके फायदे-चाय की तीनों कैटेगरी में से ब्लॉक टीम में सबसे ज्यादा कैफीन का कंसंट्रेशन पाया जाता है इसीलिए इसे तुरंत ऊर्जा देने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है काली चाय में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने स्ट्रोक और कार्डियक अरेस्ट के जोखिम को कम करने सहित अन्य लाभ भी हैं इस किस्म में थियाफलेविन और थायरुबिगिंस होते हैं जो एंटीऑक्सीडेंट गुण प्रदर्शित करने वाले पॉलिफिनॉलिक कंपाउंड होते हैं. काली चाय के सेवन से कुल कोलेस्ट्रोल, एलडीएल ट्राइग्लिसराइड के स्तर में कमी और अच्छे कोलेस्ट्रॉल के स्तर में वृद्धि के साथ-साथ ग्लूकोस के स्तर में गिरावट आई है यह सब कुछ एक अध्ययन के निष्कर्ष में निकला है और इस बात से एक्सपोर्ट भी सहमति जताते हैं
एक अध्ययन में पता चला है कि काली और हरी चाय के सेवन से हृदय संबंधी घटनाओं से मृत्यु के जोखिम को 4% तक कम किया जा सकता है. स्ट्रोक का जोखिम भी 4% कम हो जाता है और मृत्यु का पूरा जोखिम 1.5 प्रतिशत कम हो सकता है इसके अलावा काली चाय मुंह के कैंसर से भी सुरक्षा प्रदान करती है
ग्रीन टी और उसके फायदे-ग्रीन टी के फायदे से हम सब वाकिफ हैं ग्रीन टी ऑक्सिडाइज्ड होती है और इसके उत्पादन की प्रक्रिया में कटाई के तुरंत बाद पत्तियों को पैन में तलना और भाप देना उसके बाद उन्हें रोल करना और सुखाना शामिल है, ग्रीन टी की कुछ वैराइटीज की बात करें तो इसमें माचा (matcha)और सेंचा (sencha) शामिल है.
इसके फायदे की बात करें तो ग्रीन टी एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होता है जो इन्फ्लेमेशन को दूर करता है मस्तिष्क के कार्य और शरीर के मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है सांसों की बदबू को दूर करता है एंडोमेट्रियल कैंसर के खतरों को भी कम कर सकती है.ग्रीन टी में प्रमुख रूप से फ्लेवोनोइड्स और फेनोलिक एसिड की कुछ मात्रा के साथ-साथ फेनोलिक यौगिकों के रूप में कैटेचिन होते हैं. चूंकि ग्रीन टी पॉलीफेनोल्स रोगाणुरोधी, कीटाणुनाशक और दुर्गन्ध दूर करने वाले गुण प्रदर्शित करते हैं, इसलिए यह मुंह की दुर्गंध को कम करने में मदद करता है.ग्रीन टी खराब बैक्टीरिया के विकास में बाधा डालते हुए और आंत के स्वास्थ्य में सुधार करते हुए अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ावा देता है.
वाइट टी और उसके फायदे-व्हाइट टी सबसे कम प्रोसेस्ड चाय है। इसकी उत्पादन प्रक्रिया में मामूली ऑक्सीकरण शामिल है, और पत्तियों को न तो रोल जाता है और न ही क्रश्ड जाता है. सिल्वर निडल (Silver Niddle) और वाइट पिओनी(White peony) कुछ लोकप्रिय प्रकार की सफेद चाय हैं. “एक कप व्हाइट टी बनाते समय ध्यान रखने वाली बात यह है कि बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला पानी गर्म होना चाहिए, लेकिन उबालना नहीं चाहिए. यदि लंबे समय तक या बहुत अधिक तापमान पर पीया जाता है, तो यह कड़वा कसैला हो सकता है और चाय अपनी ताजगी खो सकती है.
सफेद चाय में ढेर सारे स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जैसे ऑस्टियोपोरोसिस से सुरक्षा प्रदान करना, ट्यूमर के गठन को रोकना किया गया है, इसमें महत्वपूर्ण स्तर के पॉलीफेनोल्स होते हैं, यानी कैटेचिन, जो फ्री रेडिकल्स को कम करने की शक्ति रखते हैं जो हमारे शरीर को नुकसान पहुंचाते रहते हैं.
हमारी त्वचा में सूजन और यूवी रे के संपर्क में आने के कारण समय से पहले बुढ़ापा और कुछ मामलों में त्वचा कैंसर के कारण क्षतिग्रस्त हो जाती है. लेकिन एक अध्ययन ने पता चला है कि सफेद चाय यूवी किरणों से सुरक्षा प्रदान की. यहां तक कि यह त्वचा को मुंहासे मुक्त रखने में भी मदद कर सकता है.
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.
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