नई दिल्लीः हाल ही में आई एक रिसर्च के अनुसार, मोटापा मुख्य रूप से बहुत अधिक अकेले खाने के कारण हो सकता है, न कि खराब शारीरिक गतिविधि के कारण.
अमेरिका में बेलर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने 5 से 12 वर्ष की उम्र के 44 बच्चों के दैनिक ऊर्जा व्यय डेटा पर शोध किया. बच्चों के ऊर्जा व्यय को मापने के लिए, उन्होंने आइसोटोप मार्करों के साथ भोजन का उपयोग करके और रेस्पिरेटरी विधियों के साथ ऊर्जा की अपनी खपत को ट्रैक किया.
टीम ने अमेरिका और यूके के बच्चों के डेटा की तुलना की. जर्नल साइंस एडवांस में प्रकाशित रिसर्च के अनुसार, शारीरिक रूप से गतिहीन और रोगाणु-मुक्त जीवन शैली के कारण दैनिक ऊर्जा खर्च कम होती है, जो कि मोटापे की बढ़ती दर का एक प्राथमिक कारक है. रिसर्च से पता चला है कि कसरत करने वाले बच्चे अधिक गतिहीन बच्चों की तुलना में अधिक कैलोरी नहीं जलाते हैं.
शोधकर्ताओं के अनुसार, बच्चों के द्वारा शुगर का सेवन करने के कारण बच्चों की हर दिन कैलोरी की कुल संख्या अधिक थी. उन्होंने कहा कि बहुत अधिक मात्रा में भोजन करना लंबे समय तक वजन बढ़ाने और पोषण संक्रमण के मूल में हो सकता है जो अक्सर बचपन के दौरान शुरू होता है.
ये खबर रिसर्च के दावे पर हैं. ABP न्यूज़ इसकी पुष्टि नहीं करता. आप किसी भी सुझाव पर अमल या इलाज शुरू करने से पहले अपने एक्सपर्ट की सलाह जरूर ले लें.