डिलीवरी के बाद हर महिला के शरीर में कई बदलाव होते हैं. उनमें से एक है ब्लीडिंग, जिसे "लोचिया" कहा जाता है. यह ब्लीडिंग सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है और इसका मतलब है कि आपका शरीर डिलीवरी के बाद धीरे-धीरे ठीक हो रहा है. लेकिन यह जानना जरूरी है कि यह ब्लीडिंग कितने दिन तक चलती है और कब यह चिंता का कारण बन सकती है. 


ब्लीडिंग कितने दिन तक होती है?
डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग आमतौर पर 4 से 6 हफ्तों तक हो सकती है. पहले कुछ दिनों में यह ब्लीडिंग काफी ज्यादा होती है, फिर धीरे-धीरे कम हो जाती है. पहले हफ्ते में ब्लीडिंग का रंग गहरा लाल होता है, लेकिन समय के साथ यह गुलाबी या भूरे रंग में बदलने लगती है. तीसरे या चौथे हफ्ते तक ब्लीडिंग बहुत हल्की हो जाती है, और यह पूरी तरह से बंद हो जाती है. 


कब हो सकता है खतरनाक?
हालांकि, अगर ब्लीडिंग 6 हफ्तों के बाद भी जारी रहती है या अचानक से बढ़ जाती है, तो यह चिंता का कारण हो सकता है. कुछ संकेत जो खतरनाक हो सकते हैं. 



  • बहुत ज्यादा ब्लीडिंग: अगर आपको पैड हर घंटे बदलना पड़ रहा है, तो यह संकेत हो सकता है कि ब्लीडिंग सामान्य नहीं है. 

  • खून के बड़े थक्के: अगर आपको खून के बड़े-बड़े थक्के दिखाई देते हैं, तो यह चिंता का कारण हो सकता है.

  • बुरी गंध: अगर ब्लीडिंग के साथ किसी तरह की बुरी गंध आती है, तो यह इंफेक्शन का संकेत हो सकता है.

  • तेज बुखार या ठंड लगना: यह संकेत हो सकता है कि आपको कोई इंफेक्शन हो गया है.

  • गहरा लाल या चमकीला खून: अगर ब्लीडिंग का रंग गहरा लाल या चमकीला बना रहता है और कम नहीं हो रहा है, तो डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. 



जानें क्या करें? 
अगर आपको ऊपर बताए गए कोई भी लक्षण महसूस हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें. डॉक्टर आपकी स्थिति की जांच करेंगे और आवश्यक इलाज देंगे. सही समय पर ध्यान देने से आप किसी भी गंभीर समस्या से बच सकती हैं. 


जरूरी जानकारी 
डिलीवरी के बाद ब्लीडिंग एक सामान्य प्रक्रिया है और यह ज्यादातर मामलों में 4 से 6 हफ्तों में समाप्त हो जाती है. लेकिन अगर ब्लीडिंग सामान्य से ज्यादा हो रही है या कोई असामान्य लक्षण दिखाई देते हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें और तुरंत मेडिकल सहायता लें. सही देखभाल और जानकारी से आप इस समय को सुरक्षित और स्वस्थ तरीके से पार कर सकती हैं. 


Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.


यह भी पढ़ें: Monkeypox: भारत में आया मंकीपॉक्स तो कितना होगा असर, जानें इसकी एंट्री पर कैसे लग सकती है रोक