Blood Cancer: घाव नहीं भरने के साथ होती है खुजली तो ब्लड कैंसर के हो सकते हैं संकेत, जानें इसके लक्षण
कैंसर कई तरह के होते हैं. इन्हीं में से एक है ब्लड कैंसर. जिसे हेमेटोलॉजिक कैंसर भी कहते हैं. ब्लड कैंसर का नाम आते ही सबसे पहले दिमाग में मौत का ख्याल आता है.
![Blood Cancer: घाव नहीं भरने के साथ होती है खुजली तो ब्लड कैंसर के हो सकते हैं संकेत, जानें इसके लक्षण blood cancer symptoms start appearing when blood cancer occurs Blood Cancer: घाव नहीं भरने के साथ होती है खुजली तो ब्लड कैंसर के हो सकते हैं संकेत, जानें इसके लक्षण](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/10/08/bdd8b663a0f68d074c2c06a62b13a3901728394238466593_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
कैंसर एक ऐसी बीमारी है जिससे हर साल करीब 10 मिलियन लोगों की मौत होती है. यह मौत का दूसरा सबसे बड़ा कारण है. कैंसर कई तरह के होते हैं. इन्हीं में से एक है ब्लड कैंसर. जिसे हेमेटोलॉजिक कैंसर भी कहते हैं. ब्लड कैंसर का नाम आते ही सबसे पहले दिमाग में मौत का ख्याल आता है. लेकिन अगर आप इस बीमारी के बारे में जागरूक हो जाएं तो इलाज की मदद से इसे रोका जा सकता है. अब जब हमने नोएडा स्थित न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स के लैब हेड डॉ. विज्ञान मिश्रा से बात की तो उन्होंने बताया कि इस बीमारी के लक्षणों को कैसे पहचाना जाए और ब्लड कैंसर का पता लगाने के लिए कौन से टेस्ट करवाने चाहिए.
ब्लड कैंसर के दिखने वाले लक्षण
थकान: यह रक्त कैंसर के साथ आने वाले शुरुआती लक्षणों में से एक है. हालांकि, थकान की तीव्रता आमतौर पर गंभीर होती है और आराम करने पर भी ठीक नहीं होती.
बढ़े हुए संक्रमण: रक्त कैंसर प्रतिरक्षा प्रणाली पर हमला करता है, और रोगी संक्रमण के प्रति संवेदनशील होते हैं. रोगी कई बार सर्दी, फ्लू या किसी अन्य संक्रमण के संपर्क में आते हैं.
आसानी से चोट लगना: शुरुआती लक्षण आसानी से चोट लगना, नाक से खून आना या मसूड़ों से खून आना हो सकते हैं। इसका कारण फिर से प्लेटलेट्स की कमी है.
बढ़े हुए लिम्फ नोड्स: गर्दन, बगल या कमर में सूजे हुए लिम्फ नोड्स को लिम्फोमा का शुरुआती संकेत माना जाता है- जो रक्त कैंसर के प्रकारों में से एक है.
ये भी पढ़ें: क्या आप भी करते हैं हद से ज्यादा वर्कआउट? तो हो सकते हैं इस बीमारी के शिकार
बुखार और रात में पसीना आना: बिना किसी कारण के बुखार और रात में पसीना आना कभी-कभी रक्त कैंसर के शुरुआती लक्षणों में से कुछ हो सकते हैं. अधिकांश रोगी कहेंगे कि वे बिना किसी स्पष्ट कारण के, जैसे कि संक्रमण के, आते-जाते रहते हैं.
रक्त कैंसर के निदान के लिए टेस्ट करवाएं: सीबीसी टेस्ट (पूर्ण रक्त गणना परीक्षण): जब डॉक्टर को रक्त कैंसर के निदान पर संदेह होता है, तो पहला कदम सीबीसी परीक्षण का सुझाव देना होता है. यह लाल रक्त कोशिकाओं, सफेद रक्त कोशिकाओं और यहां तक कि रक्त में प्लेटलेट्स की उपस्थिति को मापता है.
बोन मैरो बायोप्सी: यह परीक्षण दिखाता है कि क्या कोई बीमारी रक्त कोशिकाओं या मज्जा को प्रभावित कर रही है. यह यह भी बताता है कि बीमारी कितनी फैल चुकी है. बोन मैरो बायोप्सी के दौरान, एक परीक्षक जांच के लिए कूल्हे की हड्डी में एक सुई डालता है. ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा रोगियों के लिए, यह परीक्षण एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.
ये भी पढ़ें: Liposuction: क्या वेटलॉस के लिए लिपोसक्शन कराना सही है, जानिए रिस्क और साइड इफेक्ट्स
फ्लो साइटोमेट्री: यह प्रक्रिया रक्त या अस्थि मज्जा के नमूने में कोशिकाओं की भौतिक या रासायनिक विशेषताओं को मापती है इससे कैंसर कोशिकाओं की खोज की जा सकेगी, जिसे फिर निदान में ध्यान में रखा जा सकता है.
इमेजिंग टेस्ट: इसमें, शरीर के उन क्षेत्रों को स्कैन किया जाता है जहाँ लिम्फ नोड्स बढ़े हुए होते हैं. ऐसा करने के लिए, इन रोगियों पर एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड, सीटी स्कैन या पीईटी स्कैन किए जाते हैं ताकि यह देखा जा सके कि रोगी को रक्त कैंसर से संबंधित कोई ट्यूमर या कैंसर प्रकृति के अन्य लक्षण हैं या नहीं.
साइटोजेनेटिक परीक्षण: यह परीक्षण आनुवंशिक असामान्यताओं की जांच करने के लिए किसी व्यक्ति के रक्त, ऊतक या अस्थि मज्जा के नमूने का विश्लेषण करता है.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
यह भी पढ़ें: कुट्टू का आटा खाने से 160 लोग बीमार, जानें कब जहरीला बन जाता है व्रत में खाया जाने वाला ये आटा
Check out below Health Tools-
Calculate Your Body Mass Index ( BMI )
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)