Blood Coagulates: कई बार अंदरुनी चोट लगने पर स्किन का रंग बैगनी और लाल हो जाता है. इस तरह के चोट को हम अक्सर नजर अंदाज कर देते हैं. लेकिन आपको बता दें कि इस तरह की समस्‍या नसों में खून जमने की वजह से होता है. हाथ और पैर के ऊपरी चोट का इलाज करना आसान होता है, लेकिन कई बार चोट अंदरूनी होती है. तो इसमें ब्लड क्लॉट जम जाती है, जिसकी वजह से कई तरह की समस्याएं होने की संभावना बढ़ जाती है. आइए जानते हैं ब्लड क्लॉट की वजह से होने वाली परेशानियों के बारे में-


ब्‍लड क्‍लॉट क्‍या है?


मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ब्लड क्लॉट ब्‍लड का एक ऐसा हिस्‍सा जो लिक्‍विड से जेल या फिर सॉलिड में बदल जाता है. ब्लड क्‍लॉटिंग एक सामान्‍य‍ प्रक्रिया है. इस प्रक्रिया के माध्यम से चोट लगने पर ब्‍लड को बहने से रोका जा सकता है, लेकिन कई बार नस के अंदर की ब्‍लड क्‍लॉट हो जाता है जो हमारे शरीर के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. कई बार ब्‍लड क्‍लॉट नसों के जरिए हमारे लंग्स और हार्ट में पहुंच जाती है, जो ब्‍लड सर्कुलेशन पर असर डालती है. यह स्थिति जानलेवा हो सकती है. 


हार्ट अटैक का खतरा


ब्लड क्‍लॉट की वजह से हार्ट अटैक का खतरा रहता है. खासतौर पर अगर ब्‍लड क्‍लॉट आपके हार्ट तक पहुंच जाए तो व्यक्ति को हार्ट अटैक आ सकता है. हार्ट में जब ब्‍लड क्‍लॉट होता है तो यह ब्‍लड सर्कुलेशन को कम कर देता है. इस वजह से हार्ट की समस्या बढ़ने लगती है. इस स्थिति में आपको चक्कर आना, छाती में दर्द, सांस लेने में परेशानी, जबड़े में दर्द, पसीना आना जैसी परेशानी हो सकती है. 


पेट में हो सकती परेशानी


कभी-कभी ब्लड क्लॉट पेट में होता है, जो डीप वेन थ्रॉम्बोसिस का एक रूप है. इसकी वजह से पेट में कई तरह की परेशानी होने की संभावना होती है. पेट में ब्‍लड क्‍लॉट होने के कारण तेज दर्द, जी मचलाना, उल्‍टी, मल में खून आने जैसी परेशानी हो सकती है. 


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