Blood Clot: ब्लड क्लॉट या खून का थक्का जमने के कई संकेत और लक्षण होते हैं. उनका पता लगाना जरूरी होता है क्योंकि ब्लड क्लॉट्स से डीप वेन थ्रोम्बोसिस हो सकता है. डीप वेन थ्रोम्बोसिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें गहरी नसों में खून का थक्का बन जाता है. ये बीमारी आम तौर पर पैर के निचले हिस्से और जांघों में होती है. डीप वेन थ्रोम्बोसिस होने पर पैरों में सूजन की समस्या भी हो जाती है और दर्द का भी अनुभव होता है.


ब्लड क्लॉट के बाजू में होनेवाले संकेतों पर दें ध्यान 


इन स्थितियों को आपको हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि ये खतरनाक हो सकता है और आपको फौरन मेडिकल सहायता की जरूरत होगी. धमनियों में बननेवाले खून के थक्कों को आर्टेरियल क्लॉट कहते हैं. दिमाग में होनेवाला आर्टेरियल क्लॉट स्ट्रोक कहलाता है. क्लॉट्स दिल की धमनियों में भी बन सकते हैं, जिससे दिल का दौरा आता है. पांव या बाजू में ब्लड क्लॉट के कई लक्षण होते हैं. सूजन, दर्द और स्किन का बदरंग हो जाना या लालिमा इन लक्षणों में शामिल हैं.


डॉक्टरों का कहना है कि अगर आप इन संकेतों और लक्षणों को पहचान लेते हैं, तो आप खुद की या अपने किसी परिचित की जिंदगी को बचा सकते हैं. लक्षण या संकेत दिखने पर फौरन अपने डॉक्टर को सूचित करें. अमेरिक हार्ट एसोसिएशन के मुताबिक आपकी बोली में भी ब्लड क्लॉट्स के कई संकेत होते हैं. बोलने या बोली को समझने में दुश्वारी संकेतों में शामिल हैं. खास लोगों को कुछ रिस्क फैक्टर ब्लड क्लॉट होने के जोखिम में डाल देता है. उम्र बढ़ने के साथ ब्लड क्लॉट्स की समस्या ज्यादा आम हो जाती है, खास कर जब आप 65 साल पार कर गए हों.


संकेतों की पहचान कर बचा सकते हैं जिंदगी


उसके अलावा, परिवार में ब्लड क्लॉट्स की हिस्ट्री से आपको ज्यादा जोखिम हो सकता है. कभी-कभी नस में ब्लड क्लॉट हो सकता है. बिना किसी स्पष्ट रिस्क फैक्टर के. अगर आप प्रेगनेंट हैं या आपकी डिलीवरी हुई है, तो रिस्क ज्यादा हो जाता है. उसी तरह, अगर आपको रूमेटाइड गठिया है, तो ये क्लॉट्स के जोखिम को बढ़ा सकता है. जोखिम को कम करने के लिए आप कुछ उपाय कर सकते हैं. नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक आपको डिहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त पानी पीना चाहिए क्योंकि आपको डिहाइड्रेशन की स्थिति में क्लॉट होने की अधिक संभावना होती है.


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