अगर आप नियमित रूप से ब्लड डोनेट करते हैं तो घबराने की जरूरत नहीं है. ये बात भी सरासर गलत है कि ब्लड डोनेशन की वजह से प्रीमैच्योर डेथ या कैंसर की बीमारी हो सकती है. जबकि सच तो ये है कि बल्ड डोनेट करने से आप कई जिंदगियों को बचा सकते हैं.
बता दें कि हर दो सेकंड में, संयुक्त राज्य अमेरिका में किसी न किसी प्रकार के ब्लड ट्रांसफ्यूजन की जरूरत होती है, और सिंगल डोनेशन तीन जिंदगियों को बचा सकता है. यहां तक कि साल में कई बार ब्लड डोनेट करना भी सेफ है. इसके अलावा इंस्टीट्यूशन भी ब्लड डोनेट कराने के लिए स्टरलाइज इक्विपमेंट इस्तेमाल करते हैं ताकि इंफेक्शन का कोई खतरा न हो.
चलिए जानते हैं ब्लड डोनेशन से जुडी कुछ जरूरी बातें
1-ब्लड डोनेट तब होता है जब एक हेल्दी व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है और ट्रांसफ्यूजन के लिए उसका उपयोग होता है या फ्रैकशेनेशन नामक प्रक्रिया के जरिये दवा बनाई जाती है.
2-ब्लड डोनेट करने से पहले कुछ टेस्ट किए जाते हैं. इन टेस्ट के जरिए जाना जाता है कि ब्लड डोनर का ब्लड ग्रुप क्या है. डोनर को हिपेटाइटिस बी, सी वायरस, एचआईवी, वीडीआरएल, मलेरिया जैसी कोई गंभीर समस्या ना हो. इसके अलावा माइनर ब्लड ग्रुप और न्यूक्लिक एसिड एम्पलीफिकेशन टेस्ट भी किए जाते हैं.
3-व्यक्ति का ब्लडप्रेशर, हीमोग्लोबिन, और वेट स्टेबल हो तभी उसे ब्लड डोनेट करने देना चाहिए.
4-ब्लड डोनेट करने से पहले कुछ खा लें. इससे तकरीबन 24 घंटे पहले शराब या धूम्रपान का सेवन ना करें.
5-खूब पानी पीएं. इससे आपके शरीर में रक्तदान के बाद पानी की कमी नहीं होगी. सोडा ड्रिंक ना लें.
6- ब्लड डोनेशन के तुरंत बाद अधिक मेहनत वाला कोई काम न करें.
वहीं न्यू यॉर्क ब्लड सेंटर के मुख्य चिकित्सा अधिकारी, एमडी, ब्रूस साचिस कहते हैं, "आप हर 56 दिन या साल में 6 बार तक पूरे रक्त दान कर सकते हैं." ऐसा इसलिए क्योंकि, "लाल रक्त कोशिकाओं को बदलने के लिए शरीर को चार से आठ सप्ताह का समय लगता है." दूसरी तरफ, आप प्लेटलेट्स और प्लाज्मा को अधिक बार दान कर सकते हैं.
ये पढ़ें
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की पत्नी ने किया प्रैंक, स्टाफ और पत्रकारों को बनाया अप्रैल फूल