क्या सर्दियों में गर्मियों के मुकाबले बढ़ जाता है बीपी, नहीं होता है दवा का असर?
सर्दी बढ़ने के कारण नसें सिकुड़ने लगती है. जिसके कारण नसों और धमनियों के ब्लड सर्कुलेशन पर काफी ज्यादा असर होता है. इसके कारण नसों और धमनियों पर अधिक दबाव पड़ता है. और इससे बीपी बढ़ जाता है.
ब्लड प्रेशर अक्सर सर्दियों में अधिक और गर्मियों में कम हो जाता है? ऐसा इसलिए होता है क्योंकि टेंपरेचर कम होने के कारण ब्लड सर्कुलेशन पर इसका सीधा असर होता है. जिसके कारण नसों और धमनियों के ब्लड सर्कुलेशन पर काफी ज्यादा असर होता है. इसके कारण नसों और धमनियों पर अधिक दबाव पड़ता है. और इससे बीपी बढ़ जाता है. रक्तचाप मौसम के पैटर्न में अचानक बदलाव से भी प्रभावित हो सकता है. एबीपी हिंदी लाइव ने इस पूरे मामले पर डॉक्टर मनीष अग्रवाल से खास बातचीत की. डॉक्टर मनीष अग्रवाल में पिछले 15 साल से कार्डियोलॉजिस्ट हैं साथ ही वरिष्ट सलाकार के पद पर कोलकाता के नारायणा हॉस्पिटल में कार्यरत हैं.
सीजनल बदलाव के कारण बीपी के मीटर में उतार-चढ़ाव होता है
रक्त वाहिकाओं सहित शरीर नमी, वायुमंडलीय दबाव, बादल छाए रहने या हवा में अचानक बदलाव पर उसी तरह प्रतिक्रिया कर सकता है. जैसे वह ठंड पर प्रतिक्रिया करता है. रक्तचाप में ये मौसम संबंधी बदलाव 65 साल और उससे अधिक उम्र के लोगों में अधिक आम हैं. अगर आपको हाई बीपी की समस्या है, तो मौसम बदलने के साथ अपने बीपी के मीटर को नोट करें. हाई बीपी में उतार-चढ़ाव सीजनल बदलाव के कारण होते हैं. इसके कारण वजन भी बढ़ने लगता है. छुट्टियों के दौरान अक्सर खाए जाने वाले स्नैक्स फूड आइटम और ठंडे तापमान के कारण फिजिकल एक्टिविटी में कमी के कारण भी बीपी के मीटर में उतार-चढाव होते हैं.
हाई बीपी मरीज को कौन सी दवा नहीं लेनी है?
हां यह बात सच है कि सर्दियों में बीपी की दवा का असर कम हो सकता है. सर्दियों में बीपी को कंट्रोल करने के लिए इसके मरीज को ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है. सर्दियों में अगर आपको अपनी बीपी को कंट्रोल में रखना है तो कुछ खास बातों का ध्यान रखें.अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं तो सर्दिी में दवाएं लेते समय कुछ खास सावधानी रखें.
बीपी के मरीज है तो इन कोल्ड-कफ और बुखार की दवा न लें
कई बार ऐसा होता है कि दवाओं में कुछ ऐसे तत्व होते हैं तो बीपी को बढ़ा सकते हैं. अगर आप हाई बीपी के मरीज हैं तो डिकॉन्गेस्टेंट की दवाएं लें. यह आपके नाक को खोलने में मदद करती हैं. लेकिन ये रक्तचाप बढ़ा सकती हैं. अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर है तो डिकॉन्गेस्टेंट न लें.
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एंटीहिस्टामाइन का रक्तचाप पर कोई खास असर नहीं होता. हालांकि, कुछ तरह के एंटीहिस्टामाइन, जैसे कि डिफ़ेनहाइड्रामाइन और डॉक्सिलामाइन से आपको नींद की कमी हो सकती है. खांसी की दवाओं, जैसे कि डेक्सट्रोमेथॉर्फ़न और म्यूसिनेक्स, का आम तौर पर रक्तचाप बढ़ाने का खतरा नहीं होता. हालांकि, कुछ संयोजन उत्पादों में ये दवाएं अन्य तत्वों के साथ मिली होती हैं.जो रक्तचाप बढ़ा सकती हैं. सर्दियों में बीपी को कंट्रोल करने के लिए, हेल्दी डाइट लें.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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